What is SEO search engine optimisation and how many types are there

SEO क्या है? यह कितने प्रकार का होता है?

SEO का हिंदी मतलब “खोज इंजन अनुकूलन” होता है और इसका फुल फॉर्म “सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन” होता है l अगर आप इन्टरनेट पर कंटेंट क्रिएट करते हो और आपको कम समय में ज्यादा लोगों तक पहुचना है तो SEO आपके लिए एक बेहतर विकल्प बन सकता है l इन्टरनेट पर आप दो तरीके से ट्रैफिक पा सकते हो-

1. पेड मार्केटिंग- इसमें आपको अपने कंटेंट या आर्टिकल को ज्यादा लोगों तक पहुचाने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते है जिसके बाद आपको ट्रैफिक मिलता है इसे ही पेड ट्रैफिक बोला जाता है l इस मार्केटिंग के अंतर्गत Google Ads, Bing Ads, Facebook Ads, Instagram Ads, Linkedin Ads, Twitter Ads आदि तरीके आते है जिसके माध्यम से आप ट्रैफिक खरीद सकते है l

2. आर्गेनिक मार्केटिंग- इसमें आपको अपने कंटेंट या आर्टिकल को ज्यादा लोगों तक पहुचाने के लिए इन प्लेटफार्म के अल्गोरिथम का सहारा लेना पड़ता है l Google, YouTube, Bing, Facebook, Instagram, Linkedin, Twitter आदि सभी प्लेटफार्म के अपने अलग-अलग अल्गोरिथम है और अगर आपको इनके प्लेटफार्म में सबसे पहले रैंक करना है तो आपको इनके अल्गोरिथम के हिसाब से अपने कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करना पड़ता है l

सन 1998 में Larry Page और Sergey Brin नामक दो ग्रेजुएट स्टूडेंट ने एक सर्च इंजन “Backrub” डेवेलप किया l यह सर्च इंजन किसी भी वेब पेज को रैंक करने के लिए एक “मैथमैटिकल एल्गोरिथम” का इस्तेमाल करता था l

जून 2021 की रिपोर्ट के अनुसार विश्व भर में गूगल का सर्च इंजन मार्केट शेयर 92.47% है इसीलिए अब हर कोई अब अपने ब्लॉग को गूगल पर रैंक कराने के लिए SEO का इस्तेमाल करते है ताकि उनको फ्री में गूगल की तरफ से टार्गेटेड ऑडियंस व टार्गेटेड लीड्स मिल पाए l

गूगल के बाद YouTube दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है l You Tube में हर महीने 300 करोड़ सर्च होते है l YouTube एक प्रचलित विडियो प्लेटफार्म है इसलिए ज्यादातर लोग अपनी वीडियोस को इसमें रैंक कराने के लिए वीडियो का SEO करते है जिससे ज्यादा से ज्यादा ट्रैफिक उनकी विडियो पर आ सके l

SEO क्या होता है?

किसी ब्लॉग या वेबसाइट के ट्रैफिक को बढाने के लिए ब्लॉग पोस्ट और वेब पेज के कंटेंट में इस प्रकार परिवर्तन किया जाता है जिससे आपका ब्लॉग या वेबसाइट सर्च इंजन में सबसे पहले रैंक करता है l ऑप्टिमाइजेशन की इस प्रक्रिया को SEO ( सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन ) कहा जाता है l

अगर आपको अपने बिज़नस के लिए फ्री में लीड्स या कस्टमर चाहिए तो डिजिटल मार्केटिंग में ब्लॉग्गिंग एक बेहतर विकल्प है l ब्लॉग्गिंग के लिए आपको एक ब्लॉग या वेबसाइट बनाना पड़ता है और उस पर अपने बिज़नस से सम्बंधित जानकारी व ब्लॉग पोस्ट डालने पड़ते है l

ब्लॉग या वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने के लिए आपको अपने ब्लॉग पोस्ट या वेब पेज का SEO करना पड़ता है जिससे आप सर्च इंजन के पहले पेज पर सबसे ऊपर रैंक करते है l सर्च इंजन के जिस पेज पर आप सबसे पहले रैंक करते है, उस पेज को “सर्च इंजन रिजल्ट पेज” कहते है l

आज का जमाना वीडियोस का है इसीलिए आप ब्लॉग्गिंग के साथ-साथ YouTube, Instagram, Facebook पर भी वीडियो कंटेंट डाल सकते है और यहाँ से भी आप अपने बिज़नस के लिए फ्री में लीड्स generate कर सकते है l

आखिर SEO इतना आवश्यक क्यों है?

ये कम्पटीशन का दौर है इसीलिए हर व्यक्ति दुसरे व्यक्ति से एक कदम आगे रहना चाहता है l यही कम्पटीशन अब इन्टरनेट पर भी देखने को मिल रहा है जिसके कारण हर ब्लॉगर और कंटेंट क्रिएटर अपने प्रतियोगी से हमेशा आगे रहना चाहता है l

अब इस कम्पटीशन में लोगों के साथ-साथ बड़ी बड़ी कंपनियां भी शामिल हो चुकी है क्युकी अब जनसँख्या का बहुत बड़ा भाग इन्टरनेट पर मौजूद है इसीलिए कंपनियां भी इन्टरनेट की मदद से अपने बिज़नस को और ज्यादा बढाने का प्रयास कर रही है l

लगभग 5-10 से साल पहले ब्लॉग या वेबसाइट का SEO करने की जरूरत नहीं पड़ती थी क्युकी पहले इन्टरनेट पर इतने ज्यादा ब्लॉग या वेबसाइट नहीं थे इसीलिए ब्लॉग पोस्ट और वेब पेज आसानी से सर्च इंजन के पहले पेज पर रैंक हो जाया करते थे l

लेकिन अगर आप आज की बात करें तो इन्टरनेट पर लगभग 60 करोड़ ब्लॉग उपस्थित है और अगर आप सर्च इंजन में कुछ भी सर्च करते है तो उससे सम्बंधित आपको अनगिनत रिजल्ट देखने को मिल जाते है l इसीलिए अगर आपको बाकि लोगों से अलग दिखना है और सर्च इंजन में सबसे ऊपर रैंक करना है तो इसके लिए SEO (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) बहुत जरूरी है l

SEO का उपयोग कहाँ-कहाँ होता है?

SEO केवल blogs और वेबसाइट तक ही सीमित नहीं है l लोग सर्च इंजन के साथ-साथ YouTube, Facebook, Instagram, Linkedin, Twitter जैसे प्लेटफार्म पर अपने सवालों के जवाब ढूंढते है इसीलिए हर प्लेटफार्म का उनके अल्गोरिथम के हिसाब से SEO होता है l

YouTube SEO- ये एक वीडियो प्लेटफार्म है और वीडियो का SEO नहीं किया जा सकता है इसीलिए YouTube पर वीडियो का SEO करने के लिए टाइटल, डिस्क्रिप्शन और टैग का इस्तेमाल किया जाता है l

Instagram SEO- ये आज के समय का सबसे प्रचलित फोटो व short वीडियो प्लेटफार्म है l Instagram अपने यूजर्स को केवल 24 घंटे के लिए आर्गेनिक रीच देता है l Instagram पर फोटो व short वीडियो के SEO लिए आपको कैप्शन का आप्शन दिया जाता है l कैप्शन में आप अपने वीडियो से सम्बंधित जानकारी लिख सकते है और 30 जरूरी hastag भी add कर सकते है l

Linkedin SEO- ये प्लेटफार्म ज्यादातर बिज़नसमैंन और प्रोफेशनल लोग इस्तेमाल करते है l Linkedin में आप अपने प्रोफाइल का SEO कर सकते है और जब कोई आपकी प्रोफाइल से सम्बंधित कीवर्ड सर्च करेगा तो आपकी प्रोफाइल उसको वहां दिखाई देगी l

Twitter SEO- यहाँ पर आपको लिमिटेड ही शब्द लिखने की छूट है इसीलिए अगर आप अपने Tweet को रैंक कराना चाहते है तो ट्रेंडिंग hastag का इस्तेमाल एक बेहतर विकल्प है l

SEO के क्या फायदे होते है?

SEO आज के समय में हर किसी के लिए महत्वूर्ण है इसलिए ज्यादातर कंपनियां अपने कंपनी में SEO Executive को चुनती है जिनका काम उस कंपनी के वेबसाइट और ब्लॉग का SEO करना होता है l

बड़ी-बड़ी कंपनियों के पास Ads के लिए काफी बजट होता है लेकिन स्टार्टअप, छोटे बिज़नस और नए ब्लॉगर के पास इतना बजट नहीं होता है कि वो Paid Ads में पैसा खर्च कर पाए इसीलिए SEO उनके लिए फ्री और बेहतर विकल्प होता है जिससे उन्हें कई फायदे मिलते है-

ऑनलाइन उपस्थिति- जब भी कोई आपको तथा आपकी कंपनी को ऑनलाइन सर्च करता है तो आप सर्च रिजल्ट में सबसे ऊपर नज़र आते हो l

विश्वास- जो लोग सर्च इंजन पर सर्च करने पर आसानी से मिल जाते है उनके प्रति लोगों का विश्वास ज्यादा बढ़ जाता है और ये विश्वास आपके बिज़नस में भी काफी सहयोग करता है l

फ्री व टार्गेटेड ट्रैफिक- अपने ब्लॉग या वेबसाइट का SEO करने से सर्च इंजन के माध्यम से फ्री व टार्गेटेड ट्रैफिक मिलता है जिसकी मदद से बिज़नस के लिए टार्गेटेड लीड्स भी generate की जा सकती है l

प्रोडक्ट Selling- आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट में किसी भी प्रोडक्ट के बारे में रिव्यु लिख सकते है l जब किसी को उस प्रोडक्ट की जरूरत होगी तो वो सर्च इंजन में उसे सर्च करेगा और अगर आपका आर्टिकल वहां पर रैंक करेगा तो आपके प्रोडक्ट के बिकने के चांस काफी ज्यादा बढ़ जाते है l

ब्लॉग्गिंग- ब्लॉग्गिंग में आप आर्टिकल लिखते है लेकिन अगर वो आर्टिकल लोगों तक न पहुचे तो आपकी मेहनत बेकार हो सकती है l इसीलिए ब्लॉग्गिंग में SEO एक अहम् भूमिका निभाता है l

SEO कितने प्रकार से होता है?

मूलरूप से किसी भी ब्लॉग पोस्ट या वेब पेज का SEO चार प्रकार से किया जाता है-

1. On-Page SEO

अपनी वेबसाइट या ब्लॉग को सर्च इंजन पर रैंक करने के लिए ब्लॉग पोस्ट या वेब पेज पर किये गए परिवर्तन को On Page SEO कहा जाता है l

On-Page SEO को करने के लिए निम्न तरीके अपनाए जाते है-

कीवर्ड रिसर्च- जिस भी कीवर्ड को सर्च इंजन पर रैंक कराना होता है उससे सम्बंधित सारे कीवर्ड का रिसर्च किया जाता है और उसके बाद अपने आर्टिकल में सारे कीवर्ड को डाला जाता है l

मेटा डाटा- मेटा डाटा यह बताता है कि ब्लॉग पोस्ट या वेब पेज किस बारे में लिखा गया है l इसीलिए ब्लॉग पोस्ट या वेब पेज के मेटा टाइटल और मेटा डिस्क्रिप्शन ढंग से लिखे जाने चाहिए ताकि जब कोई सर्च करे तो आपके रैंक होने के चांस बढ़ जाए l

इंटरनल लिंकिंग- जब हम कोई आर्टिकल लिख रहे होते है तो उस आर्टिकल के कुछ शब्द या वाक्य आपके ही किसी दुसरे आर्टिकल से मिलते-झूलते होते है तो उस शब्द या वाक्य के ऊपर उस दुसरे आर्टिकल की लिंक लगा दी जाती है इस लिंक को ही इंटरनल लिंक कहते है l इस प्रक्रिया हो इंटरनल लिंकिंग कहते है l

इंटरनल लिंकिंग तभी की जाती है जब रीडर के लिए लिंक किया गया आर्टिकल उसे वाक्य से सम्बंधित हो l

2. Off-Page SEO

ब्लॉग पोस्ट या वेब पेज को सर्च इंजन पर रैंक करने के लिए ब्लॉग या वेबसाइट के बाहर जो कुछ भी किया जाता है उसे सरल भाषा में Off-Page SEO कहते है l

Off-Page SEO करने के लिए निम्न तरीके अपनाए जाते है-

Backlink- किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग को रैंक करने के लिए Backlink एक बहुत ही कारगर तरीका है l इसका इस्तेमाल लगभग सभी बड़े-बड़े ब्लॉगर अपने ब्लॉग पोस्ट को रैंक करने के लिए करते है l

जब दूसरी वेबसाइट हमारे ब्लॉग पोस्ट या की वेब page को अपने आर्टिकल में डालते है तो वहां पर हमारी एक लिंक डाली जाती है जिसे backlink कहा जाता है l backlink बनाने के कई तरीके है जिनके से कुछ नीचे दिए गए है-

गेस्ट पोस्ट- अपनी ही niche से सम्बंधित किसी दुसरे की वेबसाइट के लिए एक गेस्ट पोस्ट लिखना और उस गेस्ट पोस्ट में अपने वेबसाइट के लिए एक लिंक लगाना गेस्ट पोस्ट कहलाता है l

कमेंट लिंक- दुसरे के ब्लॉग पोस्ट पर कमेंट करके वहां पर उससे सम्बंधित ब्लॉग पोस्ट का लिंक देना ही कमेन्ट लिंक कहलाता है l कमेंट में लिंक तभी दिया जाता है जब आपका ब्लॉग पोस्ट उनके रीडर्स के लिए valuable हो l

मीडिया इंटरव्यू- जब आप किसी फेमस न्यूज़ मेडिया को इंटरव्यू देते है तो वो अपने वेबसाइट पर आपके बारे में एक आर्टिकल लिखते है l आप उनसे कहकर अपने ब्लॉग या वेबसाइट पर एक लिंक ले सकते है l न्यूज़ मीडिया वेबसाइट की athority बहुत होती है इसीलिए जब वहां से लिंक मिलेगा तो आपके ब्लॉग या वेबसाइट की भी athority बढ़ेगी l

Answer the Public- आप Quora जैसी वेबसाइट पर जाकर लोगों के प्रश्नों के उत्तर दे सकते है और आपको लगे कि किसी उत्तर में आप अपने ब्लॉग पोस्ट की लिंक लगा सकते है जो उनके लिए सहायक होगी तो लगा सकते है l

Article लिखकर- आप Medium.com जैसी बड़ी वेबसाइट पर आर्टिकल लिखकर उस पर अपने ब्लॉग पोस्ट का लिंक

डाल सकते है l

3. Technical SEO

वेबसाइट को सर्च कंसोल में जमा करना, sitemap जमा करना, ब्लॉग पोस्ट url को इंडेक्स करवाना Technical SEO के अंतर्गत आता है l इसके लिए कुछ चीजों का ध्यान रखना पड़ता है-

वेबसाइट स्पीड- सर्च इंजन में रैंक करने के लिए स्पीड बहुत बड़ा फैक्टर है इसीलिए वेबसाइट में ऐसी थीम का इस्तेमाल किया जाता है तो काफी कम साइज़ की हो और जल्दी लोड हो l

मोबाइल फ्रेंडली- आजकल लोग कंप्यूटर व लैपटॉप के अलावा अपने मोबाइल का इस्तेमाल ज्यादा करते है और इसलिए वेबसाइट का मोबाइल फ्रेंडली होना बहुत ही आवश्यक है l वेबसाइट मोबाइल में अच्छी दिखनी चहिये और जल्दी लोड होनी चाहिए l

साईट स्ट्रक्चर- आपकी वेबसाइट पर SSL सर्टिफिकेट होना चाहिए जिससे आपकी वेबसाइट secure रहेगी l

4. Local SEO

जब हम किसी विशेष एरिया के लिए ही SEO करते है ताकि हमारा प्रोडक्ट लोकल कस्टमर तक आसानी से पहुच सके l Local SEO से हम उन लोगों को टारगेट करते है जहाँ तक बड़ी-बड़ी कंपनियां नहीं पहुच पाई है l ये तरीका उन छोटे-छोटे बिज़नस व व्यापारियों के लिए बहुत ही अच्छा है जो अपना बिज़नस अपने एरिया में बढ़ाना चाहते है l

निष्कर्ष

SEO अपने आप में एक बहुत बड़ी फील्ड है l Brian Dean नामक एक फेमस इन्टरनेट मार्केटर है जिनका एक ब्लॉग Baclinko.com केवल और केवल इसी पर आधारित है l अगर आपको SEO सीखना है तो आपको धैर्य रखना होगा क्युकी किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग को आर्गेनिक तरीके से रैंक होने काफी समय लगता है l

मैं आशा करता हूँ कि आपको “SEO क्या है? यह कितने प्रकार का होता है?” ये अच्छी तरह से समझ आ गया होगा l अपने विचार कमेंट के माध्यम से जरूर बताये l

Disclaimer: इस आर्टिकल को कुछ अनुमानों और जानकारी के आधार पर बनाया है हम फाइनेंसियल एडवाइजर नही है आप इस आर्टिकल को पढ़कर शेयर बाज़ार (Stock Market), म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश करते है तो आपके प्रॉफिट (Profit) और लोस (Loss) के हम जिम्मेदार नही है इसलिए अपनी समझ से निवेश करे और निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरुर ले

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