डिजिटल मार्केटिंग क्या है? इससे घर बैठे महीने के लाखों रुपये कैसे कमा सकते है?
डिजिटल मार्केटिंग “मार्केटिंग” का ही एक अंग है l विकिपीडिया के अनुसार, रे टॉमलिंसन नामक एक कंप्यूटर प्रोग्रामर ने सन 1971 खुद को विश्व का पहला ईमेल भेजा और यही से “डिजिटल मार्केटिंग” की अवधारणा हुई l उन्होंने इस टेक्नोलॉजी की मदद से एक ऐसा प्लेटफार्म बनाया जिसके माध्यम से एक मशीन से दूसरी मशीन में कोई भी फाइल भेजी या प्राप्त की जा सकती थी l
डिजिटल मार्केटिंग केवल इन्टरनेट तक ही सीमित नहीं है इसका क्षेत्र काफी बड़ा है l डिजिटल मार्केटिंग का ट्रेंड भले ही अब आया हो लेकिन प्रोडक्ट्स के प्रचार-प्रसार के लिए डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग काफी समय पहले से किया जा रहा है l
तकनीकी और इन्टरनेट के इस युग में डिजिटल मार्केटिंग की मांग बहुत तेज़ी के साथ बढ़ रही है l आजकल ज्यादातर लोग घर का सामान, कपडे, घर में इस्तेमाल होने वाले सारे उपकरण, सब्जी आदि खरीदने के लिए इन्टरनेट व टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे है जिसकी वजह से अब सारी कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स के प्रचार-प्रसार के लिए डिजिटल माध्यमों व इन्टरनेट का इस्तेमाल करने जोर दे रही है l
डिजिटल मार्केटिंग क्या होती है?
जब डिजिटल तकनीकों जैसे रेडिओ, टीवी, मोबाइल, कंप्यूटर या लैपटॉप के माध्यम से किसी प्रोडक्ट या सर्विस का प्रचार-प्रसार किया जाता है तो इसे सरल भाषा में “डिजिटल मार्केटिंग” कहते है l
डिजिटल मार्केटिंग की मदद से आप टार्गेटेड कस्टमर तक बहुत ही आसानी के साथ पहुच सकते है l
डिजिटल मार्केटिंग कई तरीके से की जाती है जिनके कुछ उदाहरण हम रोजाना अपनी आँखों से देखते है लेकिन उन पर हमारा ज्यादा ध्यान नहीं जाता क्युकी हमें उस बारे में पता ही नहीं होता है l
डिजिटल मार्केटिंग से मार्केटिंग करने के कुछ उदाहरण इस प्रकार है-
- कागज के छोटे-छोटे टेम्पलेट छपवाना
- अख़बार में प्रचार लिखवाना
- सड़क किनारे बैनर लगवाना
- LED की मदद से प्रचार दिखाना
- रेडिओ पर गानों के बीच Advertise करवाना
- टीवी पर Advertise दिखाना
- YouTube में सर्च व विडियो Ad लगवाना
- Facebook व Instagram पर वीडियो Ad लगवाना
- Apps में डिस्प्ले व बैनर Ad लगाना
- वेबसाइट में कंटेंट के बीच व साइडबार में Ad लगाना
- Google पर सर्च Ad लगाना
- linkedin और Twitter पर Ad लगाना
ये कुछ तरीके थे जिनकी मदद से डिजिटल मार्केटिंग की जाती है और इसके आलावा भी कई तरीके है जिनसे डिजिटल मार्केटिंग की जाती है l
इन्टरनेट मार्केटिंग
कंपनियां जब इन्टरनेट से जुड़े मशीन या डिवाइस पर अपने प्रोडक्ट्स या सर्विसेज को प्रमोट करती है तो उसे “इन्टरनेट मार्केटिंग” कहते है l ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे सोशल मीडिया, एप्स या वेबसाइट पर की जाने वाली मार्केटिंग को “ऑनलाइन मार्केटिंग” कहा जाता है l आप इन्टरनेट मार्केटिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग को एक ही मान सकते है l
इन्टरनेट मार्केटिंग, डिजिटल मार्केटिंग करने का एक तरीका है l बिना इन्टरनेट के इन्टरनेट मार्केटिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग का कोई भी अस्तित्व नहीं है l
डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार
डिजिटल मार्केटिंग करने के बहुत से तरीके है लेकिन आजकल सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाने वाले कुछ तरीके इस प्रकार है-
ब्लॉग्गिंग [ Blogging]
आप ब्लॉग या वेबसाइट बनाकर कंपनी के प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में लोगों को जानकारी दे सकते है l ब्लॉग्गिंग के माध्यम से आप सर्च इंजन पर रैंक करके टार्गेटेड ट्रैफिक ले सकते है और मार्केटिंग का यह तरीका आपके बिज़नस को कई गुना बढ़ा सकता है l
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन [Search Engine Optimization (SEO)]
जब किसी ब्लॉग या वेबसाइट के कंटेंट को इस प्रकार से लिखा जाता है कि वो ब्लॉग या वेबसाइट सर्च इंजन पर सबसे पहले दिखाई देता है तो उसे सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन कहते है l
आपको अपने ब्लॉग या वेबसाइट पर अपने बिज़नस के हिसाब से ऐसा कंटेंट लिखना होता है जिसको सर्च इंजन पर ज्यादा लोग सर्च कर रहे होते है l जब भी लोग अपने प्रश्न या समस्याएं सर्च करेंगे और अगर आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट के कंटेंट का अच्छे से SEO किये होंगे तो लोग आपके कंटेंट को पढेंगे और अगर उन्हें आपके प्रोडक्ट या सर्विस में इंटरेस्ट होगा तो वो आपसे संपर्क भी करेगा l
गूगल एक भरोसेमंद सर्च इंजन है और अगर आपकी कंपनी की वेबसाइट या ब्लॉग गूगल पर आसानी से मिल जाता है तो लोगों में आपके प्रति भरोसा बढ़ जाता है l
कंटेंट मार्केटिंग [Content Marketing]
जब ब्लॉग या वेबसाइट के कंटेंट को अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शेयर किया जाता है तो इसे कंटेंट मार्केटिंग कहते है l
जब वेबसाइट या ब्लॉग पर कम समय ज्यादा ट्रैफिक की जरूरत होती है तब इस मार्केटिंग का इस्तेमाल किया जाता है l
सर्च इंजन मार्केटिंग [Search Engine Marketing (SEM)]
जब भी सर्च इंजन पर कुछ कीवर्ड सर्च किया जाता है तो शुरुआत के कुछ रिजल्ट पैसे देकर ऊपर दिखाए जाते है इसे ही सर्च इंजन मार्केटिंग कहते है l
कम समय में टार्गेटेड कस्टमर या ऑडियंस पाने का ये एक बेहतर व फ़ास्ट तरीका है l
सोशल मीडिया मार्केटिंग [Social Media Marketing]
जब प्रोडक्ट्स या सर्विसेज को को प्रमोट करने के लिए फेसबुक, instagram, Linkedin जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया जाता है तब इसे सोशल मीडिया मार्केटिंग कहते है l
आज का जमाना सोशल मीडिया का है l मोबाइल व कंप्यूटर चलाने वाला लगभग हर व्यक्ति सोशल मीडिया पर है इसीलिए कंपनियां सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा फोकस कर रही है l
ईमेल मार्केटिंग [Email Marketing]
जब कंपनियां अपने प्रोडक्ट व सर्विस को ईमेल के माध्यम से लोगों तक पहुचाने की कोशिश करती है तो इसे ईमेल मार्केटिंग कहा जाता है l
ईमेल मार्केटिंग प्रोडक्ट को सेल करने का बहुत ही कारगर तरीका है l ईमेल मार्केटिंग के माध्यम से आप अपने प्रोडक्ट को एक ही ऑडियंस को बार-बार व काफी समय तक बेच सकते हो l
डिस्प्ले एडवरटाइजिंग [Display Advertising]
किसी वेबसाइट या ऐप पर विजिट करने पर छोटे-छोटे बैनर व पोस्टर दिखाई देते है, उन्हें ही Display Advertising कहा जाता है l मार्केटिंग के इस तरीके से आप लोगों का कंपनी के ब्रांड के प्रति जागरूकता को बढ़ा सकते है l
वीडियो मार्केटिंग [Video Marketing]
जब कोई कंपनी अपने प्रोडक्ट व सर्विस को YouTube, facebook, Instagram व अन्य प्लेटफार्म पर विडियो Ad के माध्यम से प्रमोट करतीं है तो इसे वीडियो मार्केटिंग कहा जाता है l
आजकल हमारे देश के लोग टेक्स्ट पढने के बजाय वीडियो देखना ज्यादा पसंद करते है इसीलिए आज विडियो मार्केटिंग, मार्केटिंग करने का बहुत ही प्रचलित तरीका है l
पे-पर-क्लिक एडवरटाइजिंग [Pay-per-click (PPC) Advertising]
जब भी इन्टरनेट पर आप किसी Ad को देखते है और अगर आपको उस प्रोडक्ट या सर्विस में इंटरेस्ट आता है तो आप उस Ad पर क्लिक करते है तो वहां पर Ad चलाने वाली कंपनियों को उस प्लेटफार्म को हर क्लिक का भुगतान करना पड़ता है l इसे ही पे-पर-क्लिक एडवरटाइजिंग कहा जाता है l
Google Ad, Facebook Ad, Instagram Ad, You Tube Ad, Linkedin Ad, Twitter Ad, Bing Ad या Pinterest Ad सभी इसी कांसेप्ट पर काम करते है l
एफिलिएट मार्केटिंग [Affiliate Marketing]
जब कंपनी के प्रोडक्ट या सर्विस को कोई दूसरा व्यक्ति कस्टमर को बिकवाने में मदद करता है तो कंपनी द्वारा उस व्यक्ति को प्रोडक्ट बिकवाने का कुछ प्रतिशत कमीशन दिया जाता है l मार्केटिंग की इस प्रक्रिया को एफिलिएट मार्केटिंग कहा जाता है l
आजकल लगभग सभी कंपनिया अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए इस प्रक्रिया का इस्तेमाल कर रही है l
विजुअल इवेंट्स व वेबिनार
प्रोडक्ट्स या सर्विसेज को प्रमोट करने के लिए लाइव विडियो, ज़ूम मीटिंग आदि का भी इस्तेमाल किया जाता है l इनका इस्तेमाल ज्यादातर डिजिटल प्रोडक्ट को बेचने में किया जाता है l
मार्केटिंग ऑटोमेशन [Marketing Automation]
टूल्स व सॉफ्टवेयर की मदद से आप अपने बिज़नस को ऑटोमेट कर सकते है जिससे आपको हमेशा वहां पर उपस्थित रहने की जरूरत नहीं होती है और आपका बिज़नस आपके अनुपस्थिति में भी चलता रहता है l
बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे amazon, flipkart, ola, uber या zomato अपने बिज़नस के लिए ऑटोमेशन का ही इस्तेमाल करती है l
परंपरागत मार्केटिंग Vs डिजिटल मार्केटिंग [ Traditional Marketing Vs Digital Marketing ]
परंपरागत मार्केटिंग
जब लोग दुकान, मॉल या बाजार में खुद जाकर सामान खरीदते है या सेल्समैन उसे घर-घर जाकर बेचने का प्रयास करता है, उसे परंपरागत मार्केटिंग ( Traditional Marketing ) कहा जाता है l
इस मार्केटिंग में कस्टमर को ज्यादा सहूलियत महसूस होती है, क्युकी कस्टमर सामान को अच्छे से देख-परख कर व मोलभाव करके खरीद सकता है l मोलभाव करना भारत के लोगों की खरीददारी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका है इसीलिए भारत के लोग आज भी ऑनलाइन तरीकों का इतना ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते है l
अब लोगों पास इतना समय नहीं है कि वो खुद दुकान, मॉल या बाज़ार जा सके इसीलिए लोग ऑनलाइन खरीददारी को ज्यादा महत्त्व देने लगे है l ऐसा बिलकुल नहीं है कि परंपरागत मार्केटिंग पूरी तरीके से ख़तम हो जाएगी क्युकी इसके भी अपने अलग फायदे है l
परन्तु अगर आप परंपरागत तरीकों के साथ-साथ डिजिटल तरीकों का भी इस्तेमाल अपने सामान को बेचने के लिए करते है तो आपको इससे और ज्यादा लाभ देखने को मिल सकता है l
डिजिटल मार्केटिंग
पहले बड़े शहरों में रहने वाले लोग ही केवल ऑनलाइन खरीददारी किया करते थे क्युकी उनके पास इन्टरनेट व कंप्यूटर की सुविधा थी l बड़े शहरों में पढ़े-लिखे व मॉडर्न लोग रहते है जिसके कारण लोग नयी-नयी टेक्नोलॉजी व सुविधाओ को आसानी से स्वीकार करते है l
Statista के अनुसार 2017 तक मेट्रो व टियर-1 सिटी में लगभग 5.5 करोड़ लोग ऑनलाइन खरीददारी करते थे l अनुमान है 2025 तक ये संख्या 9.5 करोड़ तक पहुच जाएगी l
अगर हम टियर-2 सिटी व उससे नीचे वाले इलाकों की बात करे तो 2017 तक मात्र 2.5 करोड़ लोग ऑनलाइन खरीददारी करते थे लेकिन उसके बाद इन इलाकों में ऑनलाइन खरीददारी करने वालों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिला है l अनुमान है कि 2025 तक टियर-2 सिटी व उससे नीचे वाले इलाकों ऑनलाइन खरीददारी करने वालों की संख्या 12.5 करोड़ तक पहुचने वाली है l
2016 के बाद से अब तकलगभग देश के कोने-कोने तक इन्टरनेट व मोबाइल की सुविधा पहुच चुकी है जिसके कारण अब बड़े शहरों के लोगों के साथ-साथ छोटे शहरों व गाँव के लोग भी ऑनलाइन खरीददारी करने लगे है l
इन्टरनेट की इस आंधी ने डिजिटल मार्केटिंग के स्कोप को काफी ज्यादा बढ़ा दिया है जिसके कारण परंपरागत मार्केटिंग का स्कोप काफी कम हो गया है लेकिन अगर आप अपने बिज़नस के लिए दोनों तरीकों का इस्तेमाल करते है तो आपको इससे अधिक लाभ प्राप्त हो सकते है l
डिजिटल मार्केटिंग बिजनस के लिए क्यों आवश्यक है?
डिजिटल मार्केटिंग छोटे व बड़े दोनों प्रकार के बिज़नस के लिए कम पैसों में ज्यादा कस्टमर तक पहुचने का बहुत ही कारगर तरीका है l अगर आप परंपरागत तरीका से मार्केटिंग करते है तो आपका पैसा व समय दोनों ही नष्ट होंगे l आजकल लोग टीवी कम देखते है और अपना ज्यादातर समय मोबाइल व कंप्यूटर स्क्रीन के सामने ज्यादा बिताते है इसीलिए आप अपने प्रोडक्ट को उस जनता तक पंहुचा दे जिसे उसकी जरूरत हो तो आपके प्रोडक्ट की सेल कई गुना बढ़ सकती है l
आइये कुछ प्रमुख बिन्दुओं के बारे में बात करते है कि डिजिटल मार्केटिंग क्यों सभी प्रकार के बिज़नस के लिए आवश्यक है-
टार्गेटेड कस्टमर- आप उन्ही व्यक्तियों को अपना प्रोडक्ट दिखा सकते है जिनको इसकी जरूरत है l उदाहरण के लिए पानी वही खरीदता है जिसको प्यास लगी हो और जिसको प्यास नहीं उसको आप पानी बेच ही नहीं सकते l
इसीलिए आप उन लोगों को टारगेट कर सकते है जिनको आपके प्रोडक्ट में इंटरेस्ट है और जब वो प्रोडक्ट उनके आँखों के सामने आएगा तो वो उसे खरीद लेंगे l
कम पैसे में एडवरटाइजिंग- अगर सड़कों पर बैनर लगवाते है, टेम्पलेट बटवाते है या टीवी में प्रचार करवाते है तो आपको काफी ज्यादा पैसा खर्चना पड़ सकता है लेकिन मार्केटिंग के इस तरीके से आप बहुत ही कम पैसों में सही कस्टमर तक पहुच सकते है l
ऑनलाइन उपस्थिति और विश्वास- इससे आपका बिज़नस ऑनलाइन रहता है और लोग आपको इन्टरनेट पर आसानी से ढूंढ पाते है l जो बिज़नस इन्टरनेट पर अपनी जानकारी रखते है उन पर जनता बाकी लोगों से अधिक विश्वास करती है l
Easy To Sell- डिजिटल मार्केटिंग में आपको अपना प्रोडक्ट बेचने में ज्यादा मसक्कत नहीं करनी पड़ती और आप अपने प्रोडक्ट को ऑनलाइन बहुत ही आसानी के साथ बेच सकते है l और आपको cash कलेक्ट करने का भी झंझट नहीं होता क्युकी आप कस्टमर से ऑनलाइन पेमेंट ले सकते है l
ऑटोमेशन- इस मार्केटिंग की सबसे खास बात यह है कि आप अपने बिज़नस को ऑटोमेट कर सकते है l कस्टमर आपके प्रोडक्ट को अपने आप खरीद सकता है और उसका पेमेंट भी कर सकता है l आपको बस एक बार सिस्टम को सेट करना होता है उसके बाद आप कुछ भी करें कही भी रहे लेकिन आपके प्रोडक्ट बिकता रहेगा और सेल आती रहेंगी l
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स कैसे करे
डिजिटल मार्केटिंग किसी स्कूल या कॉलेज में नहीं पढाई जाती है जिसके कारण लोगो को इसके बारे में कम जानकारी है l आपको डिजिटल मार्केटिंग से सम्बंधित कई बेसिक कोर्स You Tube व Google पर मिल जायेंगे l डिजिटल मार्केटिंग एक प्रैक्टिकल फील्ड है और आप इसको बिना प्रैक्टिकल करे नहीं सीख सकते है l
आपको नीचे YouTube पर स्थित फ्री कोर्स की लिस्ट दी जा रही है आप इन वीडियोस व प्लेलिस्ट को देखकर डिजिटल मार्केटिंग सीख सकते है-
- Free Digital Marketing Course By. Roy Digital
- Free Digital Marketing Course By. Marketing Fundas
- Free Digital Marketing Course By. WsCube Tech
ऊपर दी videos की मदद से आप बेसिक डिजिटल मार्केटिंग सीख सकते है l एक बात याद रखियेगा कि आपको सिर्फ videos को देखना नहीं है बल्कि साथ ही साथ उसको प्रैक्टिकल भी करना है l
अब अगर आपको एडवांस लेवल पर डिजिटल मार्केटिंग सीखनी है तो आपको इस फील्ड के एक्सपर्ट से सीखना होगा l क्युकी जब तक आप इस फील्ड में एक्सपर्ट नहीं होंगे तक कोई भी कंपनी आपको जॉब पर नहीं रखेगी l हो सकता है एडवांस लेवल पर सीखने के लिए आपको कुछ कोर्स खरीदने पड़े l निचे दी गई लिस्ट में आपको फ्री व paid डिजिटल मार्केटिंग कोर्स देखने को मिलेंगे-
1. 25 Free Lessons By Digital Deepak (With Certificate)
दीपक कनकराजू, जो कि DigtalDeepak.com नमक एक ब्लॉग के फाउंडर है l इनको डिजिटल मार्केटिंग का 10 साल से भी अधिक का अनुभव है और इन्होने भारत की बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए काम किया हुआ है l इनके इस कोर्स के अंतर्गत आपको 25 फ्री वीडियो मिलेंगी और इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप डिजिटल मार्केटिंग का सर्टिफिकेट भी पा सकते है l
2. Udemy
यह एक फेमस प्लेटफार्म है जहाँ पर आपको हर तरह के कोर्स काफी कम दामों पर मिल जाते है l यहाँ पर आप विश्व के एक्सपर्ट से डिजिटल मार्केटिंग सिख सकते है और कोर्स को पूरा करने के बाद आपको udemy की तरफ से सर्टिफिकेट भी मिलता है l
3. Coursera
यहाँ पर भी आप विश्व के एक्सपर्ट से डिजिटल मार्केटिंग सिख सकते है और सर्टिफिकेट भी पा सकते है l
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स की फीस कितनी है?
डिजिटल मार्केटिंग अभी हमारे एजुकेशन सिस्टम का पार्ट नहीं है इसीलिए आप किसी भी स्कूल या कॉलेज में ये कोर्स नहीं सिख सकते l कुछ बड़े संस्थानों में यह कोर्स पढाया जाता है लेकिन उनकी फीस लाखों में है l
आप डिजिटल मार्केटिंग YouTube व Google की मदद से फ्री में सीख सकते है लेकिन फ्री में आप एडवांस लेवल तक नहीं पहुच पाएंगे इसीलिए आप इस फील्ड के कुछ एक्सपर्ट से सीख सकते है जिनकी फीस कुछ हज़ार रूपए ही होती है l
डिजिटल मार्केटिंग से पैसे कैसे कमाए?
अगर आप डिजिटल मार्केटिंग सीख जाते है तो आपको ब्लॉग्गिंग, SEO, कंटेंट राइटिंग, कंटेंट मार्केटिंग, पेड Ads, लीड जनरेशन, मार्केटिंग funnels और ऑटोमेशन का अच्छा ज्ञान हो जाता है l इनमे इस एक या एक से अधिक स्किल को अच्छे से सीखना है और उसमे एक्सपर्ट बनना है जिससे मार्केट में आपकी पहचान बनें l
आप डिजिटल मार्केटिंग से निम्न तरीके से पैसे कमा सकते है-
जॉब- आप अपने अनुभव के अनुसार कंपनियों में जॉब के लिए आवेदन कर सकते है और आप जॉब करके पैसे कमा सकते है l
क्लाइंट वर्क- आप client के लिए काम करके भी अच्छा पैसा कमा सकते है l
फ्रीलांसिंग- आप फ्रीलांसिंग वेबसाइट जैसे fiverr, Upwork, Freelancer आदि पर भी काम करके पैसे कमा सकते है l
एफिलिएट मार्केटिंग- आप किसी दूसरी कंपनी का प्रोडक्ट promote करके उससे अच्छा-खासा कमीशन कमा सकते है l
ब्लॉग्गिंग- आप अपना ब्लॉग बनाकर उस पर Google Adsense या एफिलिएट मार्केटिंग के माध्यम से भी पैसा कमा सकते है l
प्रोडक्ट- आप अपना promote करके भी उससे पैसे कमा सकते है l
कोर्स- आप लोगों को अपना कोर्स बेच कर भी पैसे कमा सकते है l
डिजिटल मार्केटिंग का फ्यूचर क्या है?
लोग अब ऑनलाइन सामान खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे है इसीलिए सभी कंपनियां अपने बिज़नस को ऑनलाइन ले जाना चाहती है जिसके लिए उन्हें डिजिटल मार्केटर चाहिए l डिजिटल मार्केटिंग टेक्नोलॉजी पर आधारित है और आने वाला समय टेक्नोलॉजी का ही है इसीलिए इस फ्यूचर बहुत ही शानदार है l
डिजिटल मार्केटिंग में करियर
कंपनियों व बिज़नस की जरूरतों को देखे तो इस क्षेत्र में करियर बनाना एक बहुत ही अच्छा फैसला हो सकता है l जो लोग अभी कुछ सालो में डिजिटल मार्केटिंग सीख जाते है और अनुभव प्राप्त कर लेते है तो उनको भविष्य में बहुत अवसर प्राप्त हो सकते है l
डिजिटल मार्केटिंग सैलरी
डिजिटल मार्केटिंग एक प्रैक्टिकल फील्ड है जिसके कारण कंपनियां आपको सर्टिफिकेट देखकर या रटी-रटाई बातों को सुनकर जॉब नहीं देंगी l अगर आपको इस फील्ड का कम से कम एक साल का अनुभव है तो आपको 25 हजार महीने की जॉब आसानी से मिल सकती है l जैसे-जैसे आपका अनुभव बढ़ता जायेगा वैसे-वैसे आपकी सैलरी भी बढती चली जाएगी l
डिजिटल मार्केटिंग कौन-कौन कर सकता है?
जैसे क्रिकेट, सिंगिंग, डांसिंग, इंजीनियरिंग आदि सभी के लिए नहीं है उसी प्रकार डिजिटल मार्केटिंग भी सभी लोगों के लिए नहीं है l कुछ लोग ट्रेंड को देखते हुए इसे सीखने लगते है लेकिन कुछ ही समय बाद इसे छोड़ देते है l
अगर आपका कोई बिज़नस है और आपको अपने बिज़नस को नए तरीके से लोगों तक पहुचाना है तो ये आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है l
अगर आपको मार्केटिंग से सम्बंधित नयी-नयी स्किल सिखने का शौक है तो ये आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है l
अगर आपको सिर्फ जॉब या पैसे कमाने के लिए डिजिटल मार्केटिंग सीखनी है तो यह आपके लिए एक बहुत बुरा फैसला हो सकता है l
निष्कर्ष
हर बिजनेसमैन और मार्केटर के लिए डिजिटल मार्केटिंग उनकी सफलता का एक नया रास्ता हो सकता है l अगर आप केवल पैसे कमाने के लिए या जॉब पाने के लिए इसे चुन रहे है तो फिर आपका यह फैसला आपको गर्त में ही ले जायेगा l यह फील्ड आपसे आपका समय, पैसा और मेहनत मांगती है इसीलिए अगर आप इसे अपने करियर या बिज़नस के लिए सीखना चाहते है तो फिर आपको नयी-नयी चुनौतियों से लड़ने के लिए पहले से ही तैयार रहना होगा l

Disclaimer: इस आर्टिकल को कुछ अनुमानों और जानकारी के आधार पर बनाया है हम फाइनेंसियल एडवाइजर नही है आप इस आर्टिकल को पढ़कर शेयर बाज़ार (Stock Market), म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश करते है तो आपके प्रॉफिट (Profit) और लोस (Loss) के हम जिम्मेदार नही है इसलिए अपनी समझ से निवेश करे और निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरुर ले
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