इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड, जिसे आमतौर पर IRCON के नाम से जाना जाता है, ने हाल ही में अपने वित्तीय प्रदर्शन की दूसरी तिमाही के नतीजे प्रकाशित किए हैं। इस तिमाही में कंपनी के मुनाफे में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो कि 174 करोड़ रुपये से बढ़कर 251 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। इस बढ़ोतरी के साथ, कंपनी की कंसोलिडेटेड इनकम भी 2,239 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,987 करोड़ रुपये हो गई है।
इसके अलावा, IRCON ने अपने EBITDA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization) में भी इजाफा देखा है, जो कि 195 करोड़ रुपये से बढ़कर 216 करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि, EBITDA मार्जिन में थोड़ी कमी आई है, जो कि 8.7% से घटकर 7.2% हो गई है।

अगर हम स्टॉक मार्केट के परफॉर्मेंस की बात करें, तो IRCON के शेयर्स ने निवेशकों को बीते कुछ समय में शानदार रिटर्न्स दिए हैं। एक हफ्ते में लगभग 10.92%, एक महीने में 15.76%, तीन महीने में 44.48%, एक साल में 198% और तीन साल में 297.75% का रिटर्न दिया है।
कंपनी की शेयरहोल्डिंग पैटर्न की बात करें तो, IRCON एक पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज है, जिसमें प्रमोटर्स के पास 73.1% हिस्सेदारी है। विदेशी इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) के पास 4.01% और घरेलू इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) के पास 0.62% हिस्सेदारी है। आम जनता या पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास 22.17% की हिस्सेदारी है।
IRCON का मुख्य कार्य क्षेत्र इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन है, जिसमें यह कंपनी ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में विशेषज्ञता रखती है। 1976 में भारतीय रेलवे की एक इनिशिएटिव के रूप में स्थापित, इस पब्लिक सेक्टर यूनिट ने न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी अपनी इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन क्षमता का लोहा मनवाया है।
इस तरह के वित्तीय अपडेट्स निवेशकों और मार्केट एनालिस्ट्स के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि ये उन्हें कंपनी की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं का आकलन करने में मदद करते हैं। IRCON के नतीजे इस बात का संकेत हैं कि कंपनी अपने विकास पथ पर मजबूती से अग्रसर है।





