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Zepto: 10 मिनट में किराना का सामान डिलिवर करके यूनिकॉर्न कम्पनी बनने की ओर अग्रसर

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जब पूरे भारत में लॉकडाउन लगा हुआ था और सभी ऑफलाइन मार्केट पूरे तरीके से बंद थे तब केवल कुछ ऑनलाइन Grocery स्टोर ही लोगों को उनकी जरूरत का सामान उनके घरों तक पहुँचाने में सफल हो पा रहे थे। तभी Zepto ने मार्केट में एंट्री मारी और मात्र 10 मिनट के भीतर Grocery सामान को कस्टमर तक पहुँचाने का कांसेप्ट लोगों को सामने रखा।

ज्यादातर ऑनलाइन Grocery स्टोर की सबसे बड़ी समस्या डिलीवरी को 5 से 7 दिनों में पहुँचाना था। लोगों को जल्द से जल्द अपना सामान चाहिए था लेकिन स्लो डिलीवरी ने लोगों का एक्सपीरियंस काफी ख़राब किया। Zepto के फाउंडर्स ने इस समस्या को समझा और इसके निवारण के लिए इन्होने अपनी सर्विस लांच कर दी।

2025 तक भारतीय ऑनलाइन Grocery मार्केट का साइज 25 बिलियन डॉलर ( 2 लाख करोड़ ) होने की संभावना है। कस्टमर की जरूरत को पूरी करने व मार्केट में अपना योगदान देने के लिए Zepto लगातार अपने प्लेटफार्म को मजबूत करने में लगा हुआ है। Zepto बहुत तेज़ी के साथ ग्रो कर रहा है और यह अनुमान है कि यह 2022 में ही एक यूनिकॉर्न कंपनी बन जाएगी।

Zepto क्या है?

Zepto भारत की सबसे तेज़ ग्रो करने वाली E- Grocery कंपनी हैं। यह कंपनी कस्टमर्स को मात्र 10 मिनट के भीतर Grocery सामान उनके घर तक पहुँचाने में मदद करती है। इनकी वजह से ही Instant डिलीवरी का ट्रेंड मार्केट में आया। Zomato ने अपनी डिलीवरी तेज़ करने लिए ही Blinkit को खरीद लिया।

भारत के लगभग सभी ऑनलाइन Grocery प्लेटफार्म अब इसी Instant डिलीवरी मॉडल पर काम कर रहे है ताकि ज्यादा से ज्यादा कस्टमर को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके। ज्यादातर स्टार्टअप इस चक्कर में इन्वेस्टर्स का पैसा पानी की तरह बहा रहे हैं। Grocery बिज़नेस में प्रॉफिट मार्जिन वैसे भी कम होता है जिससे इनके बिज़नेस को प्रॉफिटेबल बनने में काफी ज्यादा समय लगने वाला है।

Zepto की किसने बनाया?

Aadit Palicha और Kaivalya Vohra ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मात्र 19 साल की उम्र में अपनी पढाई बीच में ही छोड़ दी ताकि ये दोनों अपनी पूरी ऊर्जा अपने स्टार्टअप को खड़ा करने में लगा सके। Aadit Palicha इस समय Zepto कंपनी के कोफाउंडर और CEO हैं और Kaivalya Vohra कंपनी के कोफाउंडर और CTO हैं। Zepto जल्द ही भारत के 100 से अधिक यूनिकॉर्न कंपनी की लिस्ट में शामिल होने वाली हैं।

Zepto की शुरुआत कैसे हुई?

Zepto के CEO Aadit Palicha कहते हैं कि जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा तो मैं और मेरे बचपन का दोस्त काफी समय तक घर में ही बंद हो गए। उस समय ऑफलाइन मार्केट पूरी तरीके से बंद थे। कुछ ऑनलाइन Ecommerce वेबसाइट अपने कस्टमर्स को Grocery का सामान भेज रही थी लेकिन वो भी 5-7 दिन का डिलीवरी टाइम ले रही थी।

इन्होंने अपने पड़ोसियों से भी इस समस्या के बारे में बातचीत की तो पता चला की सबको इस समस्या से जूझना पड़ रहा है। 2021 में Palicha और Kaivalya ने एक आईडिया सोचा और उस पर काम करने का इरादा किया। ये काम आसान नहीं था लेकिन इससे पहले ये लोग इस तरह का ही एक एक्सपेरिमेंट कर चुके थे।

2020 ने इन्होने KiranaKart की शुरुआत की थी जिसके माध्यम से ये लोग मुंबई शहर में 45 मिनट के भीतर Grocery सामान उनके कस्टमर के घर तक पहुँचाया करते थे। कस्टमर्स को इनकी यह सर्विस काफी अच्छी लगती थी और एक कस्टमर दूसरे को इनके बारे में बताता था। कुछ कस्टमर्स को उनका सामान 10-15 मिनट के भीतर ही मिल जाया करता था। इस फीडबैक ने ही Zepto के बिज़नेस मॉडल को बनाने में सहायक रहा।

Zepto ने कब और कितनी फंडिंग उठाई?

Zepto ने सबसे पहले 60 मिलियन डॉलर ( 444 करोड़ ) की फंडिंग उठाई जो कि 225 मिलियन डॉलर की वैल्यूएशन पर था। कंपनी ने जल्द ही 360 मिलियन डॉलर ( 2841 करोड़ ) की फंडिंग उठाई है और यह तय है कि अगले फंडिंग राउंड में इनकी टोटल वैल्यूएशन 1 बिलियन डॉलर हो जाएगी और Zepto एक यूनिकॉर्न कंपनी बन जाएगी।

Zepto बाकी Ecommerce प्लेटफार्म से कैसे अलग है?

Zepto के पहले Grofers (Blinkit), Bigbasket आदि कपनियां भी Grocery प्रोडक्ट कस्टमर को डिलीवर कर रही थी लेकिन ये कंपनियाँ उसी दिन या अगले दिन प्रोडक्ट को डिलीवर करती थी। कुछ कंपनियां तो 5-7 तक का भी टाइम ले लेती थी।

शुरुआत में लेट डिलीवरी कस्टमर के लिए इतनी बड़ी समस्या नहीं थी लेकिन लॉकडाउन में यह सबसे बड़ी समस्या बनकर लोगों के सामने आई, क्युकी लोगों को उसी दिन अपना Grocery का सामान चाहिए था लेकिन फिर भी उनको एक हफ्ते तक इंतजार करना पड़ता था।

Zepto उसी समय मार्केट में आया और लोगों को मात्र 10 मिनट के भीतर Grocery सामान डिलीवर करना स्टार्ट किया। लोगों को भी यह प्लेटफार्म सही लगा और उन्होंगे इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे Zepto Instant Grocery डिलीवरी का मार्किट लीडर बन गया। आज Tata, Reliance, Zomato, Swiggy सभी इस मॉडल पर काम कर रहे है ताकि उनके कस्टमर उनके प्लेटफार्म पर बने रहे।

Zepto कैसे भारत की अगली यूनिकॉर्न बन सकती है?

Zepto ने हाल ही में 360 मिलियन डॉलर फंडिंग उठाई है और इनकी वैल्यूएशन 900 मिलियन डॉलर ( 7102 करोड़ ) है। अगले ही फंडिंग राउंड में Zepto 1 बिलियन ( 7892 करोड़ )वैल्यूएशन पर पहुंच जायेगा और एक यूनिकॉर्न कंपनी बन जाएगी।

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Disclaimer: इस आर्टिकल को कुछ अनुमानों और जानकारी के आधार पर बनाया है हम फाइनेंसियल एडवाइजर नही है आप इस आर्टिकल को पढ़कर शेयर बाज़ार (Stock Market), म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश करते है तो आपके प्रॉफिट (Profit) और लोस (Loss) के हम जिम्मेदार नही है इसलिए अपनी समझ से निवेश करे और निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरुर ले

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