24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट निकाली थी।

उस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर कई गम्भीर आरोप लगाये गये थे।

जिसके बाद अडानी ग्रुप के सभी शेयर्स में जबरदस्त गिरावट देखी गई।

जिसके बाद इस केस को SEBI ने अपने हाँथों में ले लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने जाँच पूरा करने के लिए SEBI को 2 महीने का समय दिया था।

2 मई को SEBI के 2 महीने खतम हो चुके है लेकिन उनकी जाँच अभी अधूरी है।

इसीलिए SEBI कोर्ट से और 6 महीने का समय माँग रही है।

SEBI ने कोर्ट में अर्जी डाली है और समय माँगते हुए कहा है कि -

हमें 12 संदिग्ध ट्रांजैक्सन मिले है जिनकी जाँच में 15 सप्ताह लगेंगे।

ये ट्रांजैक्सन काफी जटिल है तथा इनमें कई  सब-ट्रांजैक्सन भी हुए है।

इसमें कई घेरलू और विदेशी बैंकों से वित्तीय ट्रांजैक्शन की स्टेटमेंट की जरुरत होगी।

10 वर्ष से पुराने बैंक स्टेटमेंट को भी खँगालना पड़ेगा।

ये काम आसान नहीं है इसके लिए अभी और समय की जरुरत पड़ेगी।

इसीलिए SEBI सुप्रीम कोर्ट से और 6 महीने की माँग कर रही है।

The End...