24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट निकाली थी।

उस रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप पर शेयरों में हेर फेर करने का आरोप लगाया था। 

रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के शेयर्स के प्राइस को ओवरवैल्यूएड बताया गया था। 

अडानी ग्रुप द्वारा लिए गये कर्ज को लेकर भी निशाना साधा गया था। 

रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों में 80% तक की गिरावट आई। 

जिसके बाद SEBI ने यह मामला अपने जिम्मे में ले लिया था। 

इस मामले पर SEBI ने बुधवार को पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। 

SEBI की चेयरमैन माधबी पुरी बुच ने कहा कि -

SEBI कभी भी किसी कंपनी के मामले पर टिप्पणी नहीं कर सकती।

फिलहाल ये मामला अभी सर्वोच्च अदालत में पहुँच चुका है। 

हम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का नियमानुसार पालन करेंगे। 

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 6 सदस्यों की एक कमिटी का गठन किया है। 

यह कमिटी अगले 2 महीनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। 

रिपोर्ट के बाद ही अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर सुनवाई की जाएगी। 

SEBI की जाँच बढ़ा रही गौतम अडानी की मुश्किलें

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