RBI ने 2000 के नोटों को चलन से बाहर करने का ऐलान कर दिया है। 

लेकिन विपक्षी पार्टियाँ अब इसको लेकर प्रधानमंत्री के पीछे पड़ गई है। 

लेकिन अब प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव का चौकाने वाला बयान सामने आया है। 

प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि -

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2016 में 500 व 1000 के पुराने नोटों के बदले नए नोट लाने थे। 

लेकिन पुराने नोटों के बदले उतने ही नए नोटों की छपाई उस समय मुश्किल थी। 

इसीलिए उतनी ही वैल्यू के कम नोट के बदले 2000 का नोट निकाला जाना था। 

प्रधानमंत्री इस फैसले के सपोर्ट में नहीं थे क्योंकि इससे लोग सरकार पर सवाल उठाने लगते। 

2000 के नोट के आने से पैसे की जमाखोरी और आसान हो जाएगी, PM ने कहा। 

प्रधानमंत्री के अनुसार 2000 का नोट कभी भी गरीबों के इस्तेमाल में नहीं आएगा।

लेकिन नोटों की कमी को जल्दी पूरा करने के लिए RBI को 2000 का नोट निकालना पड़ा। 

उस समय की परिस्थितियों को देखते हुए PM को मंजूरी देनी पड़ी। 

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