दरअसल यह योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए थी।
रिटायरमेंट के बाद सरकार उनको कुछ सालों तक पेंशन प्रदान करती थी।
पेंशन कर्मचारियों की महीने की कमाई का आधा हिस्सा होता था।
ये पेंशन हर महीने उनके अकाउंट में भेज दी जाती थी।
लेकिन इस पेंशन योजना को 1 जनवरी 2004 में ही बंद कर दिया गया था।
लेकिन कुछ राज्यों की सरकारों ने इसको चैलेंज किया है।
कुछ राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की बात कही है।
लेकिन RBI और अर्थशास्त्रकारियों ने इस कदम का विरोध किया है।
उन्होंने कहा है कि पुरानी पेंशन योजना लागू होने बजट में दिक्कत होगी।
तथा शिक्षा और स्वास्थ्य का बड़ा हिस्सा पेंशन योजना में जायेगा।