अब निवेशक काफी सूझ-बूझ के साथ स्टार्टअप में निवेश कर रहे है।
पिछले 2 सालों में निवेशकों की फंडिंग की गति काफी कम हो गई है।
इसीलिए स्टार्टअप्स ने फंडिंग की कमी के चलते छँटनी स्टार्ट कर दी थी।
पिछले 4 महीनों में स्टार्टअप्स ने 5,868 कर्मचारियों की छँटनी कर दी है।
ये छँटनी 41 भारतीय स्टार्टअप द्वारा की गई है।
जबकि 2022 में शुरुआती 4 महीनों में 6,040 कर्मचारियों की छँटनी हो गई थी।
2022 में ये छँटनी 8 भारतीय स्टार्टअप द्वारा की गई थी।
स्टार्टअप ये छँटनी अपने लागत को कम करके मुनाफा बढ़ाने के लिए कर रहे है।
कुछ फाउंडर्स के अनुसार यदि पिछले साल छँटनी ना होती तो कई स्टार्टअप बंद हो चुके होते।
2022 से अब तक 90 स्टार्टअप्स ने 24,200 कर्मचारियों की छँटनी की है।