हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप पर कई गम्भीर आरोप लगाये थे।

जिसके बाद अडानी ग्रुप के सभी शेयर्स में भारी गिरावट देखी गई।

जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।

सुप्रीम कोर्ट ने SEBI अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर जाँच करने को कहा।

2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने जाँच के लिए SEBI को 2 महीने का समय दिया था।

लेकिन उन 2 महीनों में SEBI की जाँच अधूरी ही रह गई।

SEBI ने कहा हमें जाँच से 12 संदिग्ध लेन-देन की जानकारी मिली है।

ये लेन-देन बहुत ही जटिल है जिनकी जाँच में भी और समय लगेगा।

इसीलिए SEBI ने सुप्रीम कोर्ट से और  6 महीने की मोहलत माँगी है।

लेकिन उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट SEBI को मात्र 3 महीने ही दे सकता है।

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 15 मई को सुनवाई करने वाला है।