बिहार के एक छोटे से गाँव से टीन का बक्सा लेकर निकला एक गरीब इंसान आज कैसे 35,000 करोड़ का मालिक बन गया, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा।
जीवन का गुजारा करने के लिए बिहार से मुंबई गया और 27 रुपये पर किराये पर एक जगह खरीदी, जिससे रात गुजारी जा सके।
झाड़ू से कबाड़ इकठ्ठा करके उसे बेचा करता था, जिससे पेट भर जाता था और जीवन चल जाता था।
घर में टाइम देखने के लिए घड़ी तक नहीं थी, इसीलिए ट्रेन की आवाज से ही टाइम का अंदाजा लगाया करता था।
15 साल की उम्र में इनको अपना घर छोड़ना पड़ा था जिससे इनकी पढ़ाई भी अधूरी रह गई थी।
उस इंसान का नाम अनिल अग्रवाल है, जो भारत में माइनिंग व मेटल किंग के नाम से प्रचलित है।
अनिल अग्रवाल, वेदांता रिसोर्सेस के चेयरमैन है और इन्होंने अपने दम पर हजारों करोड़ों का धंधा खड़ा कर दिया है।
1970 में अनिल ने कबाड़ से मेटल की ट्रेडिंग शुरू की, 10 सालों तक यही काम करने के बाद स्टरलाइट इंडस्ट्रीज की स्थापना की।
1970 में अनिल ने कबाड़ से मेटल की ट्रेडिंग शुरू की, 10 सालों तक यही काम करने के बाद स्टरलाइट इंडस्ट्रीज की स्थापना की।
2001 में सरकारी एल्युमीनियम कंपनी बाल्को को ख़रीदा और बाद में वेदांता लिमिटेड, लंदन एक्सचेंज में लिस्ट होने वाली पहली भारतीय कंपनी भी बनी।
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