संकट के दौर में ज्यादातर निवेशकों ने अडानी ग्रुप का साथ छोड़ दिया।
जिस वजह से अडानी को 120 अरब डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा।
अडानी की नेटवर्थ घटकर 50 अरब डॉलर के नीचे पहुँच गई।
लेकिन संकट के इस दौर में भी कोई है जो अडानी ग्रुप के साथ है।
उस निवेशक का नाम "कर्मचारी भविष्य निधि संगठन" यानी EPFO है।
यह एक सरकारी संगठन है जो कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन और बीमा योजना प्रदान करता है।
EPFO ने कहा है कि हम अडानी ग्रुप का साथ नहीं छोड़ेंगे।
EPFO, अडानी इंटरप्राइजेज और अडानी पोर्ट्स में ETF के माध्यम से निवेश करता है।
EPFO के मुताबिक वो सितंबर 2023 तक अपने निवेश का सिलसिला जारी रखेंगे।