आपने सफलता और संघर्ष की तो बहुत से कहानियाँ सुनी होगी!

लेकिन आज की कहानी उन सभी कहानियों से अलग है। 

एक व्यक्ति जो 12वीं में दो बार फेल हुआ लेकिन फिर भी उसने एक बड़ा मुकाम हासिल किया। 

उस व्यक्ति का नाम "मुरली दिवी" है जो Divi's Labs के फाउंडर है। 

आइये जानते हैं कि कैसे मुरली ने 1,30,000 करोड़ की कंपनी बना डाली -

मुरली आंध्र प्रदेश के एक छोटे शहर से आते है जिनके पिता सरकारी कर्मचारी थे। 

पिता की 10,000 महीने की पेंशन से मुरली का घर चलता था। 

मुरली ने अपनी पढ़ाई Chemist बनने के लिए ही की थी। 

मुरली मात्र 25 वर्ष की उम्र में अमेरिका चले गए थे, जहाँ उनके पास केवल 500 रुपये ही थे। 

मुरली की कमाई उस समय प्रति वर्ष लगभग 65000 डॉलर थी।

मुरली का करियर वार्नर हिंदुस्तान कम्पनी के साथ शुरू हुआ।

जिसके बाद उन्होंने कई और कम्पनियों के साथ भी काम किया।

मुरली ने 40,000 डॉलर के साथ भारत वापस आने का फैसला किया, उनके पास भविष्य की कोई योजना नहीं थी।

मुरली ने 1984 से मैनुफैक्चरिंग का काम शुरू किया और एक के बाद नई कमियाबी हासिल की।

आज मुरली की Divi's Lab भारत की टॉप-3 फार्मास्यूटिकल कम्पनियों में से एक है।

आज Divi's Lab का मार्केट कैप 1.3 लाख करोड़ के आसपास का है।