जब हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट निकाली थी।

तब सभी निवेशक अडानी का साथ छोड़कर भागने लगे थे।

लेकिन मुश्किल की उस घड़ी में एक निवेशक ने अडानी ग्रुप का साथ दिया।

उस निवेशक का नाम राजीव जैन है जो कि GQG Partners के चेयरमैन है।

राजीव ने मार्च महीने में अडानी ग्रुप में  1.87 अरब डॉलर का निवेश किया।

राजीव ने कुछ महीनों में अपना निवेश 10% तक बढ़ा दिया।

राजीव द्वारा लगाया 15,000 करोड़ 23,000 करोड़ में बदल गया।

राजीव को इस निवेश से मात्र कुछ ही महीनों में 8,000 करोड़ का मुनाफा हुआ।

लेकिन शुक्रवार को अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर में 10% तक गिरावट आई।

इस गिरावट के चलते राजीव जैन को 4,400 करोड़ रुपये कि नुकसान झेलना पड़ा।