रतन टाटा ने जब से स्टार्टअप्स में निवेश करना शुरू किया है।

तब से उन्होंने कई स्टार्टअप्स फाउंडर्स  की जिंदगी बदल डाली है।

उन्हीं में से एक स्टार्टअप का नाम "रेपोस एनर्जी इंडिया प्राईवेट लिमिटेड" है।

रेपोस एनर्जी एक मोबाइल एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन स्टार्टअप है।

रेपोस एनर्जी की शुरुआत अदिति भोसले वालुंज और चेतन वालुंज ने 2017 में किया था।

रेपोस एनर्जी के फाउंडर्स ने एक Linkedin पोस्ट के माध्यम से...

तन टाटा के साथ हुई अपनी पहली मीटिंग और फ़ोन कॉल की घटना को साझा किया है।

दोनों फाउंडर्स ने बताया कि...

अदिति को कंपनी की शुरुआत के कुछ समय बाद लगने लगा कि...

उन लोगों को एक ऐसे मेंटर की जरूरत है जो पहले भी इस क्षेत्र में काम कर चुका हो।

अदिति के दिमाग में सबसे पहले टाटा ग्रुप के रतन टाटा का नाम आया।

चेतन ने अदिति को टोकते हुए कहा कि...

रतन टाटा भारत के सबसे बड़े बिजनेसमैन है, हमारे पडोसी नहीं जो हम उनसे कभी भी मिल सकते है।

हांलाकि अदिति ने रतन टाटा से मिलने की आस कभी नहीं छोड़ी और लगातार प्रयास करती रहीं।

और हाथ से लिखे हुए लेटर के साथ सर रतन टाटा को भेज दिया।

अदिति और चेतन ने 12 घंटे तक रतन टाटा के घर के बहार भी इंतजार किया

लेकिन फिर भी उनकी मुलाकात रतन टाटा से नहीं हो पाई और वो थककर होटल आ गए।

होटल में अदिति का फोन बजा और सामने से आवाज आई कि...

क्या मेरी बात अदिति से हो रही है मैं रतन टाटा बोल रहा हूँ, क्या हम मिल सकते है?

अदिति को अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि सच में रतन टाटा ने उनको कॉल किया है।

रतन टाटा के द्वारा बोले शब्दों ने रेपोस एनर्जी की किस्मत बदल डाली।

और रतन टाटा ने इनकी इस कम्पनी में दो बार इन्वेस्ट भी किया।