Eyenic at Shark Tank India Season 2 : शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 के एपिसोड-17 में चश्में बेचने वाला आइनिक ब्रांड आता है। इनके फाउंडर्स का ये फैमिली बिजनेस है जिसके कारण इनको इस बिजनेस का अच्छा ज्ञान है। इनके प्रोडक्ट सभी शार्क्स को भी अच्छे लगे थे। लेंसकार्ट के फाउंडर पीयूष बंसल को भी इनके चश्में अच्छे लगे लेकिन फिर भी उन्होंने इनको फंडिंग नहीं दी।
भारत के 35% लोगो को आज चश्मे की जरूरत है और यहाँ हर मौसम के हिसाब से अलग-अलग चश्मे पहने जाते हैं। बच्चों, बड़ों के लिए अलग चश्मे तथा पगड़ी पहनने वालों के लिए भी अलग तरीके के चश्मे की जरूरत होती है। इसीलिए ये ब्रांड सभी के लिए पॉकेट फ्रेंडली चश्मों का निर्माण करते है।
Eyenic क्या है?

Eyenic एक चश्मों का ब्रांड है जो लोगों की जरुरत के अनुसार अलग-अलग प्रकार के चश्में उपलब्ध करवाता है। भारतीयों की समस्याओं और जरूरतों को देखते हुए ये ड्यूरेबल और गुड लुकिंग चश्में बनाते है। पगड़ी पहनने वालों के लिए भी इनके पास 50 से ज्यादा तरह के चश्में मौजूद है।
आईनिक आईवियर शुरुआत 2017-18 में पीयूष कालरा और सुनील छाबड़ा नामक दो चचेरे भाइयों ने की थी। आज ये 5 राज्यों में 300 से ज्यादा रिटेल स्टोर्स पर उपलब्ध है तथा इन्होंने अभी तक 1.25 लाख से ज्यादा चश्में बेच दिए है।
इसके फाउंडर्स इसी बैकग्राउंड से आते है इसीलिए इनको पता है कि भारत में 40,000 से ज्यादा ऑप्टिकल स्टोर है लेकिन ऑनलाइन के चलते लोग इन्हें भूलते जा रहे है। इन सब को एक प्लैटफार्म देने के लिए इन्होंने इस ब्रांड की शुरुआत की थी।
अभी तक Eyenic ने कितना पैसा बनाया?
Eyenic एक लाभदायक बिजनेस कर रहे है। इन्होंने अभी तक 4 करोड़ से ज्यादा की बिक्री कर दी है। इनकी 85% बिक्री चश्मों के फ्रेम से तथा 15% लेंसेस की होती है। पिछले महीने इन्होंने लगभग 15 लाख की बिक्री की है।
वित्त वर्ष | रेवेन्यू (रु.) |
2021-22 | 1 करोड़ की नेट सेल |
2022-23 | 75 लाख (अभी तक) |
Eyenic के फाउंडर ने कितनी फंडिंग की डिमांड की?
Eyenic के फाउंडर्स ने 6% एक्वटी पर 75 करोड़ रुपयों की डिमांड की जिसकी वैल्यूएशन 12.5 करोड़ लगाई गई।
फाउंडर | फंडिंग प्राइस | एक्वटी | वैल्यूएशन |
पीयूष & सुनील | 75 लाख | 6% | 12.5 करोड़ |
सभी Sharks ने क्या-क्या ऑफर दिए?
अमन, पीयूष, नमिता और अमित ने इनको कोई भी ऑफर नहीं दिया। अनुपम इनको एक एक शर्त पर ऑफर देना चाहते थे लेकिन फाउंडर्स उनकी शर्तों के अलावा भी कुछ करना चाहते थे जिसके चलते अनुपम ने भी इनको बाद में ऑफर नहीं दिया।
सबने अपने अपने कारण बताये कि वो क्यों इस बिजनेस में इन्वेस्ट नहीं करना चाहते है –
अमित जैन – मुझे बिजनेस मॉडल क्या है और प्रॉफिट कैसे कमाएँगे ये समझ नहीं आ रहा।
नमिता थापर – मुझे इस बिजनेस की समझ नहीं है इसीलिए मैं बाहर हूँ।
अमन गुप्ता – मुझे आप अच्छे लगे क्योकि आप किसी से डरते नहीं है, आपकी क्वालिटी अच्छी है और आप ग्राहक व्यवहार को समझते हैं लेकिन आप अपने प्रोडक्ट में पुल नहीं क्रिएट कर पाए हो इसीलिए मैं इससे बाहर हूँ। कोशिश करो और इसको एक ब्रांड बनाओ जिससे लोग बोले कि मुझे इस ब्रांड का चश्मा चाहिए।
पीयूष बंसल – डिजाइन सेंस अच्छा है और आपने इनोवेशन भी किया है लेकिन मुझे ब्रांड डिफरेंशिएशन नहीं दिख रहा है । प्रोडक्ट और सप्लाई चेन भी समझ नहीं आ रही इसीलिए मैं भी इससे बाहर हूँ।
अनुपम मित्तल – इन्होंने फाउंडर्स से पूछा कि आपको बी2बी या डी2सी में से एक चुनना होगा। यदि आपको बी2बी मार्केटप्लेस बनाना है तो मैं आपको ऑफर दे सकता हूँ। लेकिन फाउंडर्स दोनों पर काम करना चाहते थे जिसकी वजह से अनुपम भी इससे बाहर हो गए।

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