शार्क टैंक इंडिया के अमित जैन ने 9,500 करोड़ की कम्पनी खड़ी कर दी – CarDekho Success Story In Hindi
CarDekho Success Story In Hindi : कार खरीदने की चाह रखने वाले ग्राहकों को नयी या पुरानी कार खरीदने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जानकारी न होने के कारण डीलर, ग्राहक को वो कार दिखाता है जिसमे उसको अच्छा कमीशन मिलता है, इससे ग्राहक को डीलर के हिसाब से कोई भी खरीदना पड़ जाता है। इसी समस्या को दूर करने के लिए दो भाइयों ने CarDekho नामक एक ऑनलाइन पोर्टल का निर्माण किया जिसमें रतन टाटा (Ratan TATA) ने भी इन्वेस्ट किया है।
वर्ष 2021-22 की बात करें तो केवल भारत में ही 44 लाख के आसपास इस्तेमाल की गई कार (Used Car) बेचीं गई। 2027 तक भारत में Used Car का मार्केट 74.70 बिलियन डॉलर पहुँच जायेगा इसीलिए नयीं कार के साथ-साथ इस्तेमाल की गई कार की डिमांड भी बढ़ने वाली है।
इस्तेमाल की गई कारों के लिए CarDekho, Cars24 और CarTrade जैसे ऑनलाइन पोर्टल ग्राहकों को बेस्ट कार ढूंढने में मदद करते है लेकिन कारदेखो अपने ग्राहकों को नयी कार खरीदने, पुरानी कार बेचने, कार से सम्बंधित सामान खरीदने, कार लोन, कार इंस्योरेन्स आदि की सुविधा भी प्रदान करता है।
CarDekho क्या है?
CarDekho देश के सबसे बड़े ऑनलाइन ऑटोपोर्टल्स में से एक है। कारदेखो अपने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से लोगों को नयी व इस्तेमाल की गई कारों (Used Car) को खरीदने में मदद करता है। कारदेखो ग्राहकों को कार लोन, कार इंस्योरेस, हेल्थ इंस्योरेस, टर्म लाइफ इंस्योरेस जैसी सर्विसेस भी प्रदान करता है।
इनके प्लेटफार्म से हर 4 मिनट में एक कार बिक जाती है क्योंकि इनके पोर्टल पर मारुति, हुंडई, टाटा, टोयोटा, महिंद्रा, फोर्ड आदि जैसे सभी इंटरनैशनल ब्रांड्स की गाड़ियाँ मौजूद है। कारदेखो गाड़ी स्टोर (CarDekho Gaadi Store) के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी पुरानी गाड़ी को घर बैठे अच्छे दाम पर बेच सकता है।
ये अब कारदेखो मॉल (CarDekho Mall) नामक एक नए कांसेप्ट पर काम कर रहे है जहाँ Used Cars को बेचा जायेगा। कारदेखो मॉल में हर ब्रांड्स की कम से कम 5-10 तथा कुल मिलाकर 500 कारों को रखा जायेगा जिससे ग्राहकों को बेहतर व ज्यादा विकल्प मिल सके।
CarDekho के फाउंडर्स के बारे में पूरी जानकारी
अमित जैन और अनुराग जैन CarDekho के फाउंडर है। इन दोनों सगे भाइयों ने मिलकर ही कारदेखो के कांसेप्ट को धरातल पर उतारा तथा एक छोटे से स्टार्टअप को 1.2 बिलियन डॉलर वैल्यूएशन वाली कंपनी में बदल डाला।
उमंग कुमार Gaadi.Com के फाउंडर है जिसको 2014 में कारदेखो ने अधिग्रहण कर लिया था उसके बाद से ही अब उमंग कुमार कारदेखो के कोफाउंडर के तौर पर काम कर रहे है।
अमित जैन – Amit Jain
अमित जैन CarDekho के कोफाउंडर व CEO है। इन्होंने IIT दिल्ली से B.Tech की डिग्री प्राप्त की है। बी.टेक करने के बाद अमित ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर अगले एक साल तक काम किया।
इसके बाद अमित ने इंटरनेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी ट्राइलॉजी (Trilogy) में सीनियर एसोसिएट के पद पर काम करना प्रारम्भ किया। अमित 3.5 साल के बाद कंपनी के डिलीवरी मैनेजर तथा उसके लगभग 2 साल बाद प्रोडक्ट मैनेजर के पद तक पहुँच गए।
ट्राइलॉजी में लगभग 7 साल तक काम करने के बाद इन्होंने अपने भाई अनुराग के साथ मिलकर एक IT सर्विस कंपनी GirnarSoft फिर उसके एक साल बाद CarDekho की शुरुआत की। अमित जैन कारदेखो के साथ-साथ GirnarSoft के भी कोफाउंडर व CEO है।
जल्द ही कारदेखो के फाउंडर अमित जैन को शार्क टैंक इंडिया सीजन-2 जज के तौर पर देखा गया है। अमित ने BharatPe के कोफाउंडर अशनीर ग्रोवर की जगह पर यह स्थान प्राप्त किया है।
अनुराग जैन – Anurag Jain
अनुराग जैन CarDekho के कोफाउंडर व COO है। इन्होंने IIT दिल्ली से इंटीग्रेटेड मास्टर्स ऑफ टेक्नोलॉजी में डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद अनुराग ने i2 technologies में सीनियर सिस्टम्स कंसलटेंट के पद पर कार्य करना प्रारम्भ किया, यहाँ इन्होंने 3 साल से ज्यादा समय तक काम किया।
इसके बाद इन्होंने Sabre Holdings में सीनियर ऑपरेशन्स रिसर्च एनालिस्ट के पद पर एक साल तक काम करने के बाद नौकरी छोड़ दी। अपने भाई अमित के साथ मिलकर GirnarSoft और फिर उसके बाद CarDekho की शुरुआत की। अनुराग जैन कारदेखो के साथ-साथ GirnarSoft के भी कोफाउंडर व COO है।
उमंग कुमार – Umang Kumar
उमंग कुमार Gaadi.Com के कोफाउंडर रह चुके है जिसका अधिग्रहण Cardekho ने 2014 में कर लिया था। Gaadi.Com के अधिग्रहण के बाद अब उमंग कुमार कारदेखो के कोफाउंडर है तथा कम्पनी के प्रेसिडेंट पद पर कार्यरत है।
उमंग कुमार ने विश्वेश्वरैया प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर में बीई की डिग्री प्राप्त की है। इन्होंने 2011 में Gaadi Web Pvt. Ltd. की शुरुआत की थी, जिसके ये कोफाउंडर व CEO थे, जिसे बाद में कारदेखो ने अधिग्रहित कर लिया था।
CarDekho की शुरुआत कैसे हुई?
अमित जैन व अनुराग जैन, IIT दिल्ली से पढ़ाई पूरी करने के बाद बड़ी कम्पनियों में अच्छे पद पर काम कर रहे थे लेकिन फिर कुछ कारणों के चलते दोनों को नौकरी छोड़कर अपने गृहनगर जयपुर वापस आना पड़ा। घर वापस लौटकर इन्होंने अपना कुछ बिजनेस शुरू करने के बारे में सोचा।
इनके परिवार वाले दशकों से ज्वैलरी बिजनेस कर रहे थे इसीलिए अमित ने भी इसको आगे बढ़ाने के लिए एक ऑनलाइन ज्वैलरी स्टोर खोलने के बारे में सोचा लेकिन ज्वैलरी बिजनेस की सच्चाई जानने के बाद इन्होंने इस आईडिया पर कभी काम नहीं किया।
दोनों ने एक ऐसा बिजनेस शुरू करने के बारे में तय किया जिसके बारे में इन दोनों को अच्छा ज्ञान था। अमित को कॉरपोरेट जॉब्स का लगभग 8 साल का तथा अनुराग को 4 साल का अनुभव प्राप्त था। इसी अनुभव के आधार पर इन्होंने 2007 में GirnarSoft प्राइवेट लिमिटेड नामक एक IT सर्विस कंपनी खोली।
इस कंपनी के माध्यम से ये कंपनियों को वेबडेवलपमेंट व बिजनेस सॉल्युशन जैसे सर्विसेस दिया करते थे। दोनों ने अपने कमरे को ही ऑफिस में बदलकर वहाँ से काम करना प्रारम्भ किया। अपने पहले बड़े क्लाइंट की तलाश में इन्होंने अरबों इमेल्स व कॉल्स कर डाले लेकिन एक भी क्लाइंट नहीं मिला।
इतने प्रयास के बाद भी जब कोई बड़ी कंपनी या क्लाइंट नहीं मिला तो इन्होंने छोटे क्लाइंट्स को ईमेल भेजना शुरू कर दिया ताकि इनको अपना पहला क्लाइंट मिल सके।
बहुत प्रयासों के बाद इनको पहला क्लाइंट मिला जिसको IT सर्विस से सम्बंधित काम करवाना था। क्लाइंट ने काम के बदले 50,000 रुपये रखा, हालाँकि इनके हिसाब से ये कम प्राइस था लेकिन फिर भी इन्होंने इस काम को पूरी शिद्दत से पूरा करके क्लाइंट को सौंपा।
इस काम के रिफरेन्स से ही इनको दूसरा काम मिला, उसके बाद तीसरा और फिर उसके बाद क्लाइंट्स की लाइन लग गई। इनका काम बढ़ने लगा और फिर इन्होंने 1 अप्रैल 2007 को अपना पहला कर्मचारी काम पर रखा। इसके बाद मात्र एक साल के भीतर ही इनकी कंपनी में 40 लोगों की एक मजबूत टीम बन गई।
कम्पनी के अकाउंट में अच्छे खासे फंड इकट्ठा होने के बाद दोनों ने दूसरे प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया। ये दोनों ही कार के शौकीन थे और उसी समय 2008 में दिल्ली के प्रगति मैदान में इंटरनैशनल ऑटोएक्स्पो लगा हुआ था। दोनों वहाँ गए और स्टॉल्स से डिटेल और ब्रोशर कलेक्ट करके वापस अपने घर आ गए।
ऑटोएक्स्पो दौरे ने एक आईडिया को जन्म दिया और इन्होंने कार डिटेल्स को एक वेबपोर्टल के माध्यम से सभी को उपलब्ध कराने की योजना बनाई। GirnarSoft की मदद से इन्होंने CarDekho नामक एक ऑटोपोर्टल का निर्माण किया जहाँ पर नयी व पुरानी कारों की सारी डिटेल्स उपलब्ध थी।
CarDekho ने अभी तक कितनी फंडिंग प्राप्त की है?
CarDekho ने 2008 से नवंबर 2013 तक बिना किसी फंडिंग के अपनी कम्पनी को चलाया तथा प्रॉफिटेबल भी बने रहे। क्योंकि दोनों फाउंडर्स का मानना था कि पहले हम बिजनेस को चलाकर उससे प्रोफिट कमाकर दिखाएँगे उसके बाद इंवेस्टर्स से पैसा उठाएँगे।
इसीलिए लगभग 5 साल तक कम्पनी के नींव मजबूत करने के बाद अब इनको अपने बिजनेस को बढ़ाना था तब जाकर इन्होंने इंवेस्टर्स का सहारा लिया।
27 नवंबर 2013 को इन्होंने 15 मिलियन डॉलर की पहली फंडिंग सिकोया कैपिटल इंडिया से सिरीज-A राउंड में प्राप्त की।
अभी तक इन्होंने 9 फंडिंग राउंड में 497.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त कर ली है।
13 अक्टूबर 2021 को कारदेखो ने डेब्ट फाइनेंसिंग राउंड में 50 मिलियन डॉलर तथा सीरीज-E इक्विटी राउंड में 200 मिलियन डॉलर की फंडिंग ‘लीपफ्रॉग इंवेस्टमेंट्स’ से प्राप्त की थी।
इस फंडिंग राउंड के बाद ही कारदेखो कंपनी की कुल वैल्यूएशन 1.2 बिलियन डॉलर पहुँच गई जिसके बाद CarDekho एक यूनिकॉर्न कम्पनी बन गई।
भविष्य को लेकर CarDekho की क्या योजनाएँ है?
Gaadi.Com के अधिग्रहण के बाद CarDekhho ऑटोमोबाइल सेक्टर में मार्केट लीडर्स की लिस्ट में शामिल हो गया था। कम्पनी अब ऑटोमोबाइल ईकोसिस्टम के माध्यम से मार्केट लीडर बनने के पथ पर अग्रसर है।
Zigwheels और Carmudi Philippines जैसे बड़े Brands के अधिग्रहण के बाद से मलेसिया, इंडोंसिया व फिलिपीन्स जैसे देशों में अपने बिजनेस का विस्तार करने में लगे हुए है। अब इनका अगला लक्ष्य एक साल के भीतर कम्पनी का IPO कराना है।
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