Apna App Success Story In Hindi

निर्मित ने मात्र 22 महीनों में एक यूनिकॉर्न कंपनी बना डाली – Apna App Success Story In Hindi

Apna App Success Story In Hindi : आज भारत देश में 100 से अधिक यूनिकॉर्न कम्पनियाँ बन चुकी है लेकिन इनमें से ज्यादातर कंपनियों को इस मुकाम तक पहुँचने में 10 से 20 साल का लम्बा समय लगा है। इन्हीं के बीच Apna जैसी कंपनी है जिसने मात्र 22 महीनों में देश की सबसे जल्दी यूनिकॉर्न कम्पनी बनने के लक्ष्य को प्राप्त किया है।

आपने सोशल नेटवर्किंग व जॉब देने वाली इंटरनेशनल प्लैटफॉर्म Linkedin के बारे में जरूर सुना होगा? लिंकडिन के माध्यम से बड़ी-बड़ी इंटरनेशनल कम्पनियों के HR अच्छे कर्मचारियों ढूंढकर नौकरी प्रदान करते है लेकिन इस प्रक्रिया में अनुभव के साथ-साथ Resume का बहुत बड़ा महत्व होता है।

भारत जैसे देश में ज्यादातर ऐसे लोग पाए जाते हैं जिनके पास स्किल व अनुभव तो अच्छा-खासा होता है परन्तु उनके पास Resume नहीं होता है। Apna ने इस समस्या को समझा तथा ऐसा सोशल नेटवर्किंग प्लैटफॉर्म तैयार किया जहाँ लोग अपनी स्किल से सम्बंधित कंपनियों के HR से डायरेक्ट बात करके इंटरव्यू फिक्स कर सकते है तथा नौकरी पा सकते है।

Apna ऐप क्या है?

Apna ऐप एक डिजिटल भर्ती प्लैटफॉर्म है जहाँ पर नौकरी खोजने वाले को सीधे कम्पनी के HR से जोड़ा जाता है। इस प्लैटफॉर्म के माध्यम से कंपनी के HR से व्हाट्सप्प चैट या कॉल पर बात करके घर बैठे इंटरव्यू भी फिक्स करवाया जा सकता है।

यह भारत का पहला डिजिटल भर्ती प्लैटफॉर्म है जहाँ पर स्किल व अनुभव के आधार पर नौकरी के काफी अवसर प्रदान किये जाते है। यहाँ पर आपको 70 से अधिक कैटेगरी पर 50 लाख से ज्यादा नौकरियाँ देखने को मिल जाती है।

Apna ऐप पर इस समय 2 लाख से ज्यादा इंटरनेशनल व छोटी कम्पनियाँ उपलब्ध है जो आपको पार्ट टाइम, फुल टाइम, नाईट शिफ्ट, वर्क फ्रॉम होम आदि जॉब के बेहतर विकल्प प्रदान करते है। ये अब 70 से ज्यादा शहरों में अपनी सर्विस प्रदान कर रहे है।

Apna के फाउंडर कौन है?

Nirmit Parikh-निर्मित पारिख
Nirmit Parikh-निर्मित पारिख

निर्मित पारिख Apna के फाउंडर व CEO है। निर्मित ने Apna की शुरुआत 2019 में की थी और मात्र 22 महीनों के भीतर 1.1 अरब डॉलर की वैल्यूएशन के साथ देश की सबसे तेज यूनिकॉर्न वाली वाली पहली कंपनी बन गई।

Nirmit Parikh ने निरमा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से Instrumentation and Control Engineering ब्रांच से अपना B.Tech पूरा करके स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से MBA की डिग्री भी प्राप्त की।

कैसा रहा निर्मित का बचपन?

निर्मित का बचपन आम बच्चों जैसा बिलकुल भी नहीं था। इनके पापा, दादा सभी इंजीनियर थे जिसके कारण ये भी काफी क्रिएटिव थे। निर्मित अपने खिलौनों को तोड़कर खुद ही जोड़ दिया करते थे। घर के खराब सभी इलेक्ट्रिक उपकरणों को सही करने का काम निर्मित ही किया करते थे।

क्रिएटिव दिमाग होने के कारण ही इन्होंने मात्र 7 साल की उम्र डिजिटल क्लॉक कर सर्किट बनाकर खुद को साबित किया तथा 13 साल की उम्र में रोबोटिक्स में पहली प्रोग्रामिंग करके सबको आश्चर्यचकित कर दिया।

कॉलेज में पढाई करते-करते बना दी 2 कंपनी?

पहली कंपनी: निर्मित जब 2006 में निरमा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बी.टेक की पढ़ाई कर रहे थे तब इन्होंने बाढ़ जैसी बड़ी आपदा को अवसर में बदला। उस समय इन्होंने एक ऐसी टेक्नोलॉजी बना डाली जो बाढ़ से बचाने के साथ-साथ हाईड्रो इलेक्ट्रिसिटी पैदा करने में भी मदद करती थी।

इस समस्या के समाधान से निर्मित ने अपना पहला स्टार्टअप Incone Technologies की शुरुआत की। यह कम्पनी AI (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) की मदद से डैम ऑटोमेशन के लिए कंट्रोल सिस्टम तैयार करती थी।

दूसरी कंपनी: अगले 1 साल के दौरान ही निर्मित ने अपने दोस्त की मदद के लिए एक ऐसा ऑनलाइन टूल बना दिया जो बड़े-बड़े वेब पेजेस को पढ़कर एक समरी क्रिएट कर देता था। यह एक काफी इम्पोर्टेन्ट टूल था इसी वजह से यह दूसरे कॉलेज के स्टूडेंट्स के बीच भी काफी पॉपुलर हो गया था।

CruxBot नाम से शुरू किये गए इस स्टार्टअप को निर्मित ने एक कंपनी में बदला और फिर आगे जाकर 2011 में अमेरिका के एडटेक स्टार्टअप Kno को बेच दिया तथा इसके बाद Intel ने इसे खरीद लिया।

निर्मित को मिली Apple कम्पनी में जॉब?

Intel द्वारा CruxBot के अधिग्रहण के कारण ही निर्मित को अमेरिका जाने का भी मौका मिला। इन्होंने Intel लिए डेटा एनालिटिक्स डायरेक्टर के पद पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया। इंटेल में काम करने के दौरान ही इनकी मुलाकात स्टैनफोर्ड में पढ़ने वाले कुछ इंटर्न्स से हुई।

इंटर्न्स की समझ, माइंडसेट व जज्बे को देखकर निर्मित काफी प्रभावित हुए। ये सभी लोग व्हाट्सप्प, इंस्टाग्राम व मैसेंजर की तरह ही सोशल नेटवर्किंग प्लैटफॉर्म पर काम कर रहे थे जो निर्मित को काफी अच्छा लगा। निर्मित ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA करने का फैसला किया। MBA करने के तुरंत बाद ही इनकी नौकरी Apple में लग गई।

Apna की शुरुआत कैसे हुई?

निर्मित जॉब के साथ-साथ Incone Technologies पर भी लगातार काम कर रहे थे तथा कम्पनी के ग्रो होने के साथ-साथ उन्हें और लोगों की भी जरूरत महसूस होने लगी थी। हायरिंग मैनेजर से कई बार बोलने के बाद भी वो हायरिंग नहीं कर पा रहा था। निर्मित ने हायरिंग मैनेजर को कहा कि जब आपके पास सारी टेक्नोलॉजी और टूल्स उपलब्ध है तो फिर क्यों दिक्कत आ रही है।

हायरिंग मैनेजर ने कहा- मैंने सब करके देख लिया है अगर आपको भरोसा न हो तो आप भी प्रयास करके देख लो। निर्मित को यह बात चुभ गई और तब उन्होंने इस काम का जिम्मा अपने कंधो पर लिया। सारी टेक्नोलॉजी व टूल्स इस्तेमाल करने के बाद भी निर्मित लीड जनरेट करने में असमर्थ थे।

निर्मित ने इस समस्या को दूर करने के लिए एक प्रोटोटाइप तैयार किया, जो काम कर गया। इस प्रोटोटाइप से 8 से 10 दिन की हायरिंग प्रक्रिया मात्र 3 से 4 घंटे में पूरी हो जाती थी। यह एक सफल परीक्षण था जिसे अब निर्मित बड़े स्तर पर ले जाना चाहते थे।

निर्मित ने इसी क्षेत्र के कुछ फाउंडर्स से बात की तो पता चला कि ज्यादातर ऑनलाइन भर्ती प्लैटफॉर्म कंपनी के नजरिये को प्राथमिकता दे रहे थे, कैंडिडेट्स को किसी को भी चिंता नहीं थी। निर्मित को समस्या समझ आ गई थी इसीलिए इन्होंने कैंडिडेट्स को प्राथमिकता देने वाला प्लैटफॉर्म बनाने का फैसला लिया।

जिनके लिए प्लैटफॉर्म बनाना था उनकी जरूरत को अच्छे से समझने के लिए निर्मित ने थोड़े-थोड़े समय के लिए हर तरह के छोटे-बड़े काम किये जैसे- फैक्टरी व दुकानों में काम किया, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, कारपेंटर, पेंटर आदि के साथ-साथ आईसक्रीम भी बेची।

हर तरह के काम करके इनको सारा सिस्टम समझ आ गया कि ये ऐसे लोग है जिनके पास स्किल व अनुभव तो है परन्तु इनके पास Resume नहीं है।

लगभग सभी कम्पनियाँ Resume के आधार पर कैंडिडेट्स को भर्ती कर रही थी जिससे उनको अच्छे कैंडिडेट्स नहीं मिल पा रहे थे। भर्ती की इस प्रक्रिया से स्किल व अनुभव प्राप्त कैंडिडेट्स तो पहले ही बाहर हो जाते थे चाहे वो कितना भी टैलेंटेड क्यों न हो।

तभी निर्मित ने एक ऐसा प्लैटफॉर्म बनाने के बारे में सोचा जो लोगों को उनके स्किल व अनुभव के पर नौकरी देता हो, रिज्यूमे के आधार पर नहीं। इस तरह 2019 में Apna ऐप की शुरुआत हुई। लॉकडाउन में जहाँ ज्यादातर लोग अपनी जॉब्स खो रहे थे वही अपना ऐप लोगों को नयी जॉब्स ढूँढने में मदद कर रहा था।

Apna को कब और कितनी फंडिंग प्राप्त हुई?

Apna ने अभी तक 5 फंडिंग राउंड में 193.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त कर ली।

  • 5 जुलाई, 2019 को इन्होंने सीड फंडिंग राउंड में सिकोया कैपिटल इंडिया से 3 मिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त की थी।
  • 1 सितम्बर, 2020 को इन्होंने सिरीज-A फंडिंग राउंड में लाइटस्पीड इंडिया पार्टनर्स व सिकोया कैपिटल इंडिया से 8 मिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त की थी।
  • 2 मार्च 2021 को इन्होंने फिर से सिरीज-A फंडिंग राउंड में ग्रीनओक्स कैपिटल व सिकोया कैपिटल इंडिया से 12.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त की थी।
  • 16 जून 2021 को इन्होंने सिरीज-B फंडिंग राउंड में इनसाइट पार्टनर्स व टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट से 70 मिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त की थी।
  • 15 सितम्बर 2021 को इन्होंने सिरीज-C फंडिंग राउंड में टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट से 100 मिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त की।

सबसे कम समय में यूनिकॉर्न बनने वाली कंपनी बनीं Apna?

Apna देश का पहला ऐसा स्टार्टअप बना जिसने 2 साल के भीतर ही यूनिकॉर्न कंपनी बनने के सफर को सफलतापूर्वक प्राप्त किया। लॉकडाउन में इस ऐप को बहुत पसंद किया गया और उसी दौरान इसकी ग्रोथ भी सबसे ज्यादा देखने को मिली।

इनके प्लैटफॉर्म पर Swiggy, Zomato, Flipkart, Paytm व Byju’s जैसी बड़ी कम्पनियाँ जुड़ी हुई है। इस समय इनके ऐप के 1 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड है तथा 2 करोड़ से ज्यादा लोग इनके इस प्लैटफॉर्म पर भरोसा करते है।

Apna को लेकर निर्मित पारिख की भविष्य की क्या योजना है?

अच्छी खासी फंडिंग प्राप्त करने के बाद भी निर्मित ने अभी तक इस प्लैटफॉर्म में Ads वगैरह नहीं लगाए है क्योंकि वो उन्होंने इस प्लैटफॉर्म को लोगों की मदद के लिए बनाया था। इस कंपनी से पैसे बनाने के लिए और भी तरीकों पर काम किया जा रहा है।

निर्मित इस प्लैटफॉर्म को देश के कोने-कोने तक पहुँचाना चाहते है तथा अगले साल की शुरुआत तक ये इस इस प्लैटफॉर्म को इंटरनेशनल ले जाने के लिए फंड्स का इस्तेमाल कर रहे है।

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