डिजाइनर छतरियाँ बेचकर बन गया करोड़पति, MBA के बाद शुरू किया बिजनेस : Cheeky Chunk Umbrellas Success Story

Cheeky Chunk Umbrellas Success Story : MBA की डिग्री पाने के बाद हर युवा का सपना होता है कि वो एक अच्छी कम्पनी में नौकरी करे और पैसा कमाये लेकिन प्रतीक दोशी (Pratik Doshi) की ये मानसिकता नहीं थी।

प्रतीक ने पढ़ाई पूरी करने के बाद दूसरे के लिए नौकरी करने के बजाय खुद का बिजनेस शुरू करने का सोचा और अंत में जाकर डिजाइनर छतरी बनाकर बेचने का आइडिया आया। शुरुआत में जब प्रतीक की बहुत कम छतरियाँ बिक रही थी तो उनके दोस्त उनको “छतरीवाला” बुलाकर चिढ़ाने लगे थे।

प्रतीक ने 6 महीने में लगभग 800 छतरियाँ बेचकर उससे 50-60 हजार रुपये कमाये। प्रतीक के दोस्त महीने में इतने रुपये कमाते थे और प्रतीक को भी सलाह देते थे कि वो बिजनेस छोड़कर जॉब कर ले लेकिन प्रतीक ने हार नहीं मानी और आगे चलकर करोड़ों का बिजनेस खड़ा कर दिया।

प्रतीक ने MBA के बाद क्यों और कैसे शुरू किया छतरी का बिजनेस?

प्रतीक MBA पूरा करने के बाद अपने दोस्तों की तरह नौकरी नहीं करना चाहते थे। प्रतीक खुद का कुछ करना चाहते थे इसीलिए उन्होंने ऐसे बिजनेस आइडिया के बारे में रीसर्च करना शुरू किया जो अनछुवा हो। हर कोई कुछ ना कुछ बेच रहा था। मार्केट में जूते, चप्पल, टी-शर्ट, चश्में आदि सभी कुछ तो बिक रहा था इसीलिए कुछ भी नया प्रोडक्ट व बिजनेस ढूँढना बहुत मुश्किल था।

Cheeky Chunk - Pratik Doshi
Cheeky Chunk – प्रतीक दोशी

जब कुछ भी नया आइडिया नहीं मिला तो प्रतीक का दिमाग छातों पर गया। मार्केट में बिकने वाले ज्यादातर छाते काले या फिर किसी एक रंग के होते है उनमें कुछ भी डिजाइन नहीं बनी होती है। प्रतीक को उस तरह के छाते काफी बोरिंग से प्रतीत हुए इसीलिए उन्होंने तय किया कि अब वो डिजाइनर छतरियों का बिजनेस करेंगे। भले ही छतरियाँ बेचने का आइडिया नया नहीं था लेकिन डिजाइनर छतरियों का कॉन्सेप्ट यूनीक था।

प्रतीक ने लोगों के मूड के हिसाब से डिजाइन तैयार करवाये। जिस प्रकार मानसून में मुंबई के लोग वड़ा पाव, कटिंग, सुट्टा, बारिश आदि का मजा लेते है प्रतीक ने उसी प्रकार अपने छातों पर भी डिजाइन बनवाये। म्यूजिक लवर्स के लिए पॉप, हिप-हॉप जैसे डिजाइन भी तैयार किये गये। प्रतीक ने युवाओं के टेस्ट को ध्यान रखते हुए कई डिजाइन तैयार करवाई और मुंबई अपनी मैन्युफैक्चरिंग शुरू करवाई।

11 बार रिजेक्ट होने के बाद 12 वीं बार मिलती थी सफलता

ग्रैजुएशन करने के बाद प्रतीक के पास सेव किये हुए 50 से 80 हजार रुपये थे उन्होंने उतने रुपये से ही अपने सफर की शुरुआत की और चीकी चंक (Cheeky Chunk) नामक ब्रांड लॉंच किया। उनको शुरुआत से समस्यायें आना शुरू हो गई। कुछ समय तक संघर्ष करने के बाद प्रतीक को समझ आया कि मुंबई में धंधा करना आसान नहीं है, अगर आसान होता तो सभी बिजनेस ही कर रहे थे। लेकिन प्रतीक ने हार नहीं मानी और लगातार अपने काम में लगे रहे।

प्रतीक सबसे पहले मैन्युफैक्चरिंग के लिए मनुफैक्चरर के पास गए। 11 मैन्युफैक्चरर्स ने ना बोला लेकिन 12 वें ने हाँ बोल दिया। डिजाइंस के लिए 11 ड्राफ्ट रिजेक्ट हुए 12 वाँ सेलेक्ट हो गया। 11 सप्लायर्स ने मना कर दिया और 12 वें ने हाँ कर दिया। इस तरह प्रतीक ने एक नियम बनाया कि वो किसी भी काम कम से कम 12 बार जरुरु करेंगे, अगर 12 वीं बार सफलता नहीं मिली तो आगे नहीं करेंगे।


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सप्लायर्स ने कहा कि लोग तो काले और सादे छाते ही खरीदना पसंद करते है

प्रतीक जब भी सप्लायर्स के पास जाते थे तो वो कहते थे कि आपके डिजाइन तो अच्छे है लेकिन लोग तो काले और सादे छाते खरीदना ही पसंद करते है। प्रतीक को पता था कि लोग नई चीजों को एक्सेप्ट करने में जल्दी स्वीकार नहीं होते इसीलिए वो सप्लायर्स को अपनी मार्केटिंग की ट्रिक्स इस्तेमाल करके छाते बेच दिया करते थे।

बहुत मेहनत व संघर्ष के बाद प्रतीक ने 6 महीनों में लगभग 800 छतरियाँ बेच डाली और लगभग 50 से 60 हजार रुपये कमाये। प्रतीक ने जितना 6 महीनों में कमाया था उनके दोस्त उस समय 1 महीने में उतना कमा लेते थे। परिवार वालों और दोस्तों को उनका प्रोडक्ट काफी पसंद आया था लेकिन फिर भी प्रतीक दुविधा में थे। लोग कहने लगे थे कि तुम्हारा छतरी वाला प्रोजेक्ट पूरा हो गया हो तो नौकरी कर लो।

लेकिन प्रतीक खुद कि “तुमने वो काम किया जो अभी तक किसी और ने नहीं किया।” उसके बाद प्रतीक ने तय किया कि वो अगला एक साल अपने उस बिजनेस को देंगे।

ऑनलाइन छतरी बेचना शुरू किया और बन गये “करोड़पति छतरीवाला”

ऑफलाइन में सफलता न मिलने के बाद प्रतीक को Amazon का एक कार्यकारी मिला जिसने प्रतीक के कुछ प्रोडक्ट Amazon में लिस्ट करने में मदद की। प्रतीक ने अपने बिजनेस को ऑनलाइन शिफ्ट कर दिया। प्रतीक ने अपना पहला आर्डर अपने पिता से बुक करवाया ताकि प्रतीक को ये न लगे कि अभी तक एक भी सेल नहीं हुई है।

शुरुआत में प्रतीक के प्रोडक्ट 25 वें पेज पर रैंक कर रहे थे जिससे बहुत मुश्किल से सेल्स मिल पा रही थी। प्रतीक इस रिजल्ट से बहुत निराश थे लेकिन उन्होंने उसको छोड़ने की बजाय Amazon पर बेचने की तकनीकी के बारे में खूब रिसर्च किया। उन्होंने फोटोग्राफी के महत्व, अपने प्रोडक्ट का अच्छी तरह से वर्णन करने के महत्व के बारे में सीखा।

ये सब करते करते मानसून आ गया। जहाँ मानसून के पहले प्रतीक को एक दिन में 10-15 ऑर्डर मिलते थे वहीँ एक दिन अचानक से उनको 250 ऑर्डर मिले और प्रतीक की महीनों की मेहनत रंग लाई। मात्र एक सप्ताह के भीतर प्रतीक के प्रोडक्ट ऐमजॉन पर नंबर-1 बेस्ट सेलर बन गये। शुरुआत में जो ऑर्डर 10-15 प्रतिदिन थे वहीं बढ़कर 100-150 ऑर्डर प्रतिदिन हो गए। इस तरह प्रतीक के ऑर्डर बढ़ते गये और उन्होंने अपने छतरी के बिजनेस से करोड़ों की बिक्री प्राप्त की।

निष्कर्ष

यदि किसी भी काम को पूरे मन से करो और एक ही जगह फोकस लगाकर रखो तो सफलता जरूर मिलती है। बात करे इस बिजनेस के बारे में तो 2018 के बाद प्रतीक का बिजनेस ऐक्टिव है या नहीं इस पर संशय है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर 2018 के बाद कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है इसीलिए उम्मीद है कि उन्होंने अपना ये बिजनेस बंद कर दिया है।

इसीलिए आप चाहे तो इस बिजनेस को अच्छे से समझकर शुरू कर सकते है। मार्केट में कम्पटीशन कम मिलेगा लेकिन इसकी डिमांड भी काफी कम है। ये आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप इस बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं कि नहीं।


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