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टाइम मैनेजमेंट : समय से सम्बंधित 30 सिद्धांत जो आपके जीवन को पूरी तरह से बदल देंगे

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आज के युग में टाइम मैनेजमेंट बहुत ही आवश्यक हो गया है लेकिन ज्यादातर लोग इस कार्य को करने में असफल ही रहते है l इसी समस्या को दूर करने के लिए डॉक्टर सुधीर दीक्षित ने टाइम मैनेजमेंट नामक किताब को लिखा है l इस किताब में समय प्रबंधन से सम्बंधित 30 सिद्धांत दिए गए है जो किसी भी इन्सान के कीमती समय को सही ढंग से इस्तेमाल करने के लिए आवश्यक होंगे।

लेखक ने इस किताब को बहुत ही छोटा रखा है इसीलिए इस किताब में केवल 127 पेज हैं l किताब छोटी रखने के पीछे एक वजह है कि लेखक ने इस किताब को समय बचाने के लिए बनाया है इसीलिए वो ये नहीं चाहते थे कि लोगों को इस किताब को पढने के लिए ज्यादा समय न देना पड़े जिससे उनका कीमती समय बर्बाद हो।

टाइम मैनेजमेंट क्या है?

टाइम मैनेजमेंट को हिंदी में समय प्रबंधन कहा जाता है l अपने समय का इस प्रकार से प्रबंधन करना कि आपके महत्वपूर्ण काम उसी समय अन्तराल में पूरे हो जाए और आपका समय फालतू कार्यों में बर्बाद न हो, इसे ही “टाइम मैनेजमेंट” कहा जाता है।

आजकल हमारा समय फालतू कामों में ज्यादा बर्बाद होता है और चिंता की बात ये है कि हमें इसका पता भी नहीं चल पाता है l इन्टरनेट, सोशल मीडिया, टीवी हमारे समय को बर्बाद करते रहते है लेकिन हमें इसका जरा भी अंदाज़ा नहीं होता है l अगर आपका समय प्रबंधित नहीं है तो आप भी प्रबंधित नहीं है जिसके चलते आपको काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है l इसीलिए अपने समय को उचित कार्यों में सही ढंग से इस्तेमाल करने के लिए समय प्रबंधन यानि टाइम मैनेजमेंट एक बहुत ही बेहतर विकल्प है।

अगर आपको भी अपने समय का बेहतर इस्तेमाल करना है तो आपके लिए टाइम मैनेजमेंट किताब रामबाण साबित होगी l इसमें दिए गए 30 सिद्धांत आपकी जीवन को और बेहतर बना सकते है जिससे आप भी अपने समय को और अच्छे से इस्तेमाल कर पाएंगे।

तीन बुनियादी सवाल

आप जैसे ही इस किताब को पढने की शुरुआत करते है वैसे ही लेखक आपसे समय से सम्बंधित तीन बुनियादी सवाल पूछता है l यही तीन सवाल आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे l इन सवालों के बाद आपको समय के महत्त्व के बारे में व इसे सही तरीके से इस्तेमाल करने के बारे में पता चलेगा l

पहला बुनियादी सवाल : आजकल समय की इतनी कमी क्यूँ महसूस होती है?
सारा खेल समय का है जब तक हमारे हाथों में घड़ी नहीं थी तब तक हमें समय की चिंता भी नहीं थी लेकिन औद्योगीकरण ने हमें घड़ी का गुलाम बना कर रख दिया है l लोग पहले भी काम करते थे, उनको काम खतम करने की जल्दी नहीं थी और न कहीं जल्दी पहुँचने की l क्योंकि उन्हें समय का अंदाज़ा ही नहीं था l

औद्योगीकरण ने घड़ी बनाई और लोग नौकरी से रूबरू हुए l नौकरी के लिए काम पर जाने और वहां से घर जाने का समय निर्धारित किया l हमें हर दिन किसी न किसी न किसी समय पर कहीं न कहीं पहुचना होता है इसीलिए हमें अपने लिए समय नहीं मिलता और हमें लगता है कि हम कितने ज्यादा व्यस्त है l इसीलिए हमें आजकल समय की इतनी कमी महसूस होती है l

दूसरा बुनियादी सवाल :आपके पास दरअसल कितना समय है?
हर इन्सान को दिन में 24 घंटे ही मिलते हैं लेकिन 24 घंटे में 10 घंटे सोने, नित्य क्रिया, खाने-पीने में बीत जाते है l अगर ढंग देखा जाये तो हर इन्सान के पास एक दिन में 14 घंटे ही मिलते है l हमारे जीवन के 58% जीवन पर हमारा नियंत्रण है लेकिन 42% जीवन पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है l इसीलिए जिस समय पर हमारा नियंत्रण है उस समय को जो भी इन्सान बेहतर तरीके से इस्तेमाल करेगा वही अपने जीवन में बड़े मुकाम को हासिल करेगा l

तीसरा बुनियादी सवाल : आपका समय कितना कीमती है?
आपका समय आपके लिए कीमती है इसका अंदाजा आपको होना चाहिए l मान लेते है आपकी एक महीने के तनख्वाह 20,000 रूपये है और आप एक महीने में 25 दिन व हर दिन 8 घंटे काम करते है l इस हिसाब से आप एक महीने में 200 घंटे काम करते है l अगर आपकी तनख्वाह से आपके एक घंटे की कीमत का अंदाजा लगाया जाए तो आप एक घंटे में 100 रूपये कमाते है l मतलब कि अगर आप अपने 1 घंटे बर्बाद करते है तो आपको 100 रूपये का नुकसान होता है l

यदि आप प्रतिदिन एक घंटे बर्बाद करते है तो आप एक साल में 36,000 रूपये का नुकसान झेलते है l इससे निष्कर्ष ये निकलता है कि आपके लिए समय कितना ज्यादा कीमती है l

टाइम मैनेजमेंट से सम्बंधित 30 सिद्धांत क्या हैं?

लेखक ने इस किताब को 30 सिद्धांतों में बाँटा है l हर सिद्धांत आपको समय को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने के तरीके के बारे में बताता है l जैसे-जैसे आप बारी-बारी से इन सिद्धांतों को पढ़ते है वैसे-वैसे आपको आपके द्वारा बर्बाद किये जा रहे समय के बारे में पता चलता है l दरअसल इन सिद्धांतों में लेखक ने समय की समस्या व समाधान दोनों के बारे में अच्छे से बताया है।

समय से सम्बंधित 30 सिद्धांत

पहला सिद्धांत : समय की लॉग बुक रखे
आपने अपने साथ एक लॉग बुक अवश्य रखे जिसमें आप यह लिख सके कि आप प्रतिदिन कौन-कौन से महत्वपूर्ण काम करते है और किन कामों में आपका समय बर्बाद हो रहा है l लॉग बुक रखने का तात्पर्य यह है कि इससे आपको यह पता चल जायेगा कि आप अपना कितना समय बर्बाद कर रहे है जिससे आपको उस समय को बचाने व उस समय में कुछ महत्वपूर्ण काम करने में मदद मिलेगी l

दूसरा सिद्धांत : आर्थिक लक्ष्य बनायें
यदि आपको नहीं पता हैं कि जाना कहाँ है तो फिर आप कहीं भी नहीं पहुँचते है, इसीलिए आपको आर्थिक दृष्टि से भी इस बात को लागू करना चाहिए l आपको पता होना चाहिए कि आपको कितने समय में कितने पैसे कमाने है और उसके बाद खुद से यह प्रश्न पूछना है कि इस समय अन्तराल के भीतर इतने पैसे कमाने के लिए क्या-क्या करना पड़ेगा l

लक्ष्य दो प्रकार के होते है :- सामान्य लक्ष्य और स्पष्ट लक्ष्य

सामान्य लक्ष्य इस प्रकार होते है कि मैं बहुत पैसे कमाऊंगा, मैं बहुत पढाई करूँगा या मैं रोज जल्दी उठूँगा।

स्पष्ट लक्ष्य इस प्रकार होते है कि मैं महीने के 1 लाख रूपये कमाऊंगा, मैं रोज 10 घंटे पढ़ाई करूँगा या मैं रोज सुबह 5 बजे उठूँगा।

इसीलिए आर्थिक लक्ष्य बनाने के लिए आपके लक्ष्य स्पष्ट होने चाहिए ताकि आपका दिमाग पहले से ही उस चीज के लिए तैयार हो।

तीसरा सिद्धांत : सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें
जैसे ही हमारा दिन शुरू होता है हम फालतू कामों को अपने हाथ में ले लेते है जिससे हमारे महत्वपूर्ण काम छूट जाते है और हमारा समय फर्जी कामों में बर्बाद हो जाता है l इसीलिए आपको एक डायरी में अपने महत्वपूर्ण काम की लिस्ट बना लेनी है और सुबह नित्यक्रिया के बाद आपको सबसे पहले सबसे महत्वपूर्ण कामों को निपटाने का कोशिश करनी है l जब आपके महत्वपूर्ण काम पूरे हो जाते है उसके बाद आप बाकि कामों को भी कर सकते है।

चौथा सिद्धांत : यात्रा के समय का अधिकतम उपयोग करे l
जो व्यक्ति अपने समय को सही ढंग से इस्तेमाल करता है वही जीवन में सफल हो पाता है l लोगों को यात्रा में बहुत समय बर्बाद होता है l ज्यादातर लोग यात्रा के समय को गाना सुनके, गपशप करके या लोगों की बुराई करके बर्बाद करते है लेकिन कुछ लोग इस समय को अच्छी किताबें पढ़कर, अच्छी ऑडियोबुक्स सुनकर या फिर अपनी थकावट को दूर करने के लिए नींद पूरी करके अपने समय का बेहतर इस्तेमाल करते है।

पांचवा सिद्धांत : अपने काम को सौंपना सीखे
बिज़नस के शुरुआती दिनों में सारे काम आप को ही करना पड़ता है लेकिन जैसे-जैसे काम बढ़ता जाता है उसके साथ आपको अपने कामों को दूसरों को सौंपना सीखना पड़ता है l अगर आप चाहते हो कि आप अपने बिज़नस को एक नए मुकाम तक लेकर जाएँ तो उसके लिए आपको ऐसे कामों को दूसरों को सौंपना सीखना होता है जो उस काम को आपसे भी अच्छा कर सकते है।

आपको ऐसे काम नहीं करने है जो आपके समय को बर्बाद करते है l अगर हो सके तो ऐसे कामों को दूसरों को सौप दे जिससे आपको अपने महत्वपूर्ण काम करने के लिए समय मिले l प्राइवेट सेक्टर में जॉब के लिए लोगों को उनकी डिग्री से ज्यादा उनके काम को देखा जाता है जिससे उस कंपनी को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो।

छठवां सिद्धांत : पैरेटो के 20/80 का नियम
पैरेटो के नियम के अनुसार आपकी 20 प्रतिशत प्राथमिकतायें आपके कामों में आपको 80 प्रतिशत परिणाम देंगी l इसीलिए आपको अपने 20 प्रतिशत प्राथमिकताओ पर ज्यादा से ज्यादा पैसा, समय, कर्मचारी लगाना चाहिए।

मान लिया आपका कोई लक्ष्य है जिसको आपको हासिल करना है और पूरे दिन का लगभग 20 प्रतिशत काम आपको आपके लक्ष्य को हासिल करने में आपकी मदद करते है तो आपको अपना 80 प्रतिशत ऊर्जा इस 20 प्रतिशत काम को करने में लगाना है l यही क्रिया आपको अपनी जिंदगी में बेहतर परिणाम हासिल करने में मदद करेंगे।

सातवाँ सिद्धांत : पार्किन्सन का नियम
इस नियम के अनुसार “आप जितना समय अपने काम को करने के लिए निर्धारित करेंगे, काम उसी अनुरूप फ़ैल या सिकुड़ जाता है।”

अर्थात अगर आपको किसी एग्जाम में 100 नंबर के पेपर के लिए 3 घंटे दिए गए तो आप 3 घंटे में उस एग्जाम को पूरा कर लेंगे लेकिन अगर आपको 30 नंबर के एग्जाम के लिए 3 घंटे दिए जाए तो भी लगभग 3 घंटे का ही समय लेंगे।

इसीलिए अगर आपको कोई महत्वपूर्ण काम करना है तो उसे तय कर ले कि मुझे तय समय के भीतर इस काम को ख़तम करना है l लेकिन अगर आप उस काम को ये सोच के करेंगे कि मेरे पास तो पूरा दिन पड़ा है तो आपका दिन ख़तम हो जायेगा लेकिन आपके काम पूरा नहीं होगा।

आठवाँ सिद्धांत : अपने प्राइम टाइम को पहचाने
प्राइम टाइम आपका वह समय होता है जिस समय आप सबसे ज्यादा चुस्त, उत्साहित व उर्जावान रहेते है l कुछ लोग सुबह काफी चुस्त, उत्साहित व उर्जा से परिपूर्ण होते है और अगर उस समय उनको कोई कार्य करने को दिया जाता है तो वो उस समय में ज्यादा से ज्यादा काम करने की क्षमता रखते है।

हर इन्सान का प्राइम टाइम अलग-अलग होता है l आपको ये ढूँढना पड़ेगा कि आपका प्राइम टाइम सुबह, दोपहर, शाम या रात इनमे से क्या है l आपको अपने प्राइम टाइम में अपने सबसे महत्वपूर्ण व जरूरी काम करने है ताकि बाकि बचे हुए समय में आप छोटे-मोटे व कम महत्वपूर्ण काम कर पाए।

नवाँ सिद्धांत : समय को व्यवस्थित रखना
किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए आपको अपन जीवन व दिनचर्या को व्यवस्थित रूप से रखना सीखना होगा l ज्यादातर लोगों का सोने व उठने का समय तय नहीं होता है, भोजन कब करना है, कितना करना है इसके बारे में भी नहीं पता होता है l अगर आपका जीवन व्यवस्थित नहीं होता तो आपके द्वारा किये गए कार्य भी पूरे नहीं होते l आप ज्यादा खाना खा लेते हो जिससे आपको कभी भी नींद आने लगती है l आप कभी भी किसी से फर्जी घंटों बातें किया करते हो l आप हमेशा बीमार पड़े रहते हो।

अगर आपको अपने जीवन में सफल होना है तो आपका जीवन व्यवस्थित होना बहुत ही जरूरी है और बिना इसके आपको सफलता मिलना आसन नहीं होगा l हो सके तो अपने दिनचर्या को व्यवस्थित रखे जिससे आपको कई सारे फायदे देखने को मिलेंगे।

दसवाँ सिद्धांत : टाईम टेबल बनाकर काम करे
जैसे हर साल देश की अर्थव्यवस्था के लिए बजट जरूरी होता है उसी प्रकार आपके जीवन में समय प्रबंधन के लिए टाईमटेबल की आवश्यक होती है।

आपको अपने समय प्रबंधन के लिए एक टाइम टेबल तैयार करना है जिसमें आप अपने काम, खेल, यात्रा, बातचीत, खाना, सोना आदि का मैनेजमेंट कर सकते है l आपको इस बारे में पता होना चाहिए कि रोज आप कब और क्या काम कर रहे है।

आप चाहे तो अपने 24 घंटे का टाईमटेबल बना सकते है जिसे हम पूर्ण टाईमटेबल कहते है या फिर आप केवल अपने काम व पढाई-लिखाई का टाइमटेबल बना सकते है जिसे हम संक्षिप्त टाईमटेबल कहा जाता है।

ग्यारहवाँ सिद्धांत : कर्म में जुट जाएँ
अगर आपको जीवन में कुछ हासिल करना है तो आपको अपने कर्मों पर ध्यान देना होगा l सबको पता है कि सफल होने के लिए मेहनत करना बहुत जरूरी है और बिना मेहनत जीवन में कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता लेकिन फिर भी मेहनत न करने का बहाना बनाते रहते है।

लोग अपने मूड के मुताबिक काम करते है l मूड अच्छा होगा तो काम करेंगे और मूड अच्छा नहीं होगा तो काम नहीं करेंगे l आप अपने मूड के गुलाम न बने और अपने काम को किसी भी मूड पूरा करने की कोशिश करें।

लोगों की बुराई करना, फालतू कामों में समय व्यतीत करना, संसाधन न होने की दुहाई देना आदि काम ज्यादातर लोग करते है इसी कारण से वो अपने जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाते हैं।

इसीलिए इस सिद्धांत में मेहनत के जरिये अपने कर्म में जुटे रहने को कहा गया है और जो भी इस सिद्धांत को अपने जीवन में लागू करता है उसे अपने लक्ष्य को पाने के लिए एक विश्वाश मिल जाता है।

बारहवाँ सिद्धांत : अपनी कार्यक्षमता बढ़ायें
आपको समय के साथ-साथ अपने काम में भी काबिलियत हासिल करनी पड़ेगी l मान लिया पहले आप कोई काम 5 घंटे में करते थे और अब आप उसी काम को टेक्नोलॉजी, जुगाड़ और ज्ञान की मदद से 2 घंटे में ही पूरा कर देते है इसकी मतलब आपकी कार्यक्षमता पहले के मुताबिक बढ़ चुकी है और आप बाकी बचे हुए समय में और भी काम कर सकते है।

इसीलिए समय के साथ-साथ आपको खुद को अपडेटेड रहना है ताकि आप एक ही काम को जल्दी से जल्दी करने नए तरीकों के बारे में जान पाए।

तेरहवाँ सिद्धांत : डेडलाइन तय करें
आप जब भी किसी काम को करें तो सबसे पहले उस काम की डेडलाइन बना लें l आप तय कर लें कि आपको यह काम एक निश्चित समय सीमा के भीतर ही निपटा देना है l जब आप अपने काम के लिए इस तरह की डेडलाइन तय कर लेते है तब आपका दिमाग और शरीर उसी अनुरूप कार्य करता है और आप कम समय में भी बेहतर परिणाम हासिल करते है।

चौदहवाँ सिद्धांत : समय खरीदना सीखे
कुछ लोगों के लिए पैसा महत्वपूर्ण होता है तो कुछ लोगों के लिए समय l अगर आप अपने समय को अच्छे से इस्तेमाल करते है तो आपको पैसे की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता लेकिन यदि आपके लिए केवल पैसा ही महत्वपूर्ण होता है तो आप समय और पैसे दोनों के लिए तरसते रहते है।

बड़े बिजनेसमैन अपनी कम्पनी को चलाने के लिए लोगों को नौकरी देकर उनके 8 घंटे खरीद लेते है जिससे कंपनी का काम भी हो जाता है और उनका कीमती समय छोटे-मोटे कामों को करने में जाया नहीं होता है।

इसीलिए अगर आपको भी अपने बिज़नस को एक नईं ऊँचाई तक ले जाना है तो आपको दूसरों का समय खरीदने का ज्ञान जरूर होना चाहिए ताकि आप अपने समय को बर्बाद होने से बचा सके।

पंद्रहवाँ सिद्धांत : भविष्य में लाभ के लिए वर्तमान का त्याग करें
अगर आप आज मज़े करेंगे तो ये तय है कि भविष्य में आपको काफी सारी समस्यायों का सामना करना पड़ सकता है l इसीलिए भविष्य में सफलता पाने के लिए आपको अपने आज का त्याग करना पड़ेगा।

इसीलिए आज आप जितना ज्यादा समय मेहनत करने के खर्च करेंगे भविष्य में आपको इसके परिणाम भी काफी बेहतर देखने को मिलेंगे।

सोलहवाँ सिद्धांत : निश्चित समय पर काम करें
जब आप रोज किसी काम को निश्चित समय पर करते है तब आपकी आदत बन जाती है उस काम को उसी समय पर करने की l यदि आपके सोने-उठने, खाने-पीने और काम करने का समय निश्चित होता है तो आपका शरीर और दिमाग उसी हिसाब से ढल जाता है।

रोज निश्चित समय पर काम करने से आलस नहीं आता तथा काम करने के लिए दिमाग व शरीर हमेशा तैयार रहते है।

सत्रहवाँ सिद्धांत : समय की बर्बादी का गुरुत्वाकर्षण नियम
जब तक आप खाली बैठे होंगे तब तक आपको कोई परेशान नहीं करेगा और न ही आपको कोई काम बोलेगा लेकिन जैसे ही आप अपने काम की शुरुआत करते है वैसे ही लोग आपको परेशान करने के लिए आने लगते है और घरवाले भी आपको बाज़ार से कुछ न कुछ लाने के लिए कहने लगते है l इसे ही समय की बर्बादी का गुरुत्वाकर्षण नियम कहते है।

आप जैसे ही अपने महत्वपूर्ण काम की शुरुआत करने है वैसे आपके लिए परेशानियाँ खड़ीं होने लगती है l इसीलिए आपको दूसरों को न कहने की आदत डालनी होगी l छोटे-मोटे कामों को दूसरों को सौप पर या फिर उन्हें बाद में करने के लिए कह सकते है।

अट्ठारहवाँ सिद्धांत : न्यूटन के गति के पहले नियम का इस्तेमाल करें
न्यूटन के गति के नियम के अनुसार कोई भी वस्तु तब तक उसी अवस्था बनी रहेगी जब तक उस पर कोई बाहरी बल लगाकर उसकी अवस्था को बदला न जाए।

इसीलिए अगर आपको भी सफल होना है तो आपको अपने लक्ष्य को पाने के लिए अनुशासन का इस्तेमाल करना होगा l अनुशाशन ही आपके लिए एक बाहरी बल के रूप में कार्य करेगा।

उन्नीसवाँ सिद्धांत : कितने समय काम किया उससे ज्यादा कितना काम किया ज्यादा महत्वपूर्ण है
ज्यादातर लोग घंटे गिनवाकर अपने काम को बताने की कोशिश करते है लेकिन वो ये नहीं बताते कि उन घंटों में उन्होंने कितना काम किया l आपने कितनी देर काम किया इससे ज्यादा जरूरी है कि आपने उस समय में कितना ज्यादा काम किया जिससे आपको तथा आपकी कंपनी को ज्यादा मुनाफा हुआ हो।

लोग देखते है कि कंपनी 10 घंटे काम के बदले उनको कितनी तनख्वाह दे रही है बल्कि कंपनी उस तनख्वाह के बदले आपके काम को देखती है l अगर कंपनी आपको 10,000 रु/महीना दे रही है और यदि आपकी वजह से कंपनी को केवल 5,000 का ही मुनाफा मिल रहा है तो वो आपको जल्द से जल्द निकाल देंगे।

इसीलिए आमतौर पर बिज़नस करने वाले लोग नौकरी करने वालों से ज्यादा पैसे कमाते है।

बीसवाँ सिद्धांत : तय करे कौन सा काम कब करना है
जैसे रात बनी है सोने के लिए और दिन काम करने के लिए उसी प्रकार आपके लिए भी यह महत्वपूर्ण होना चाहिए कि किस काम को कब करना तय रहेगा l आप महत्वपूर्ण काम अपने दिन के शुरुआत में कर सकते है और बाकि काम शाम को।

ये आपको ही तय करना है कि किस काम के लिए कौन सा समय बेहतर है l आप इसके लिए कुछ एक्सपेरिमेंट भी कर सकते है l जिस एक्सपेरिमेंट से आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलते है आपको उनको अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाना है।

इक्कीसवां सिद्धांत : सुबह जल्दी उठना सीखे
पहले ऋषि-मुनि व लोग सुबह जल्दी उठकर अपने सारे काम किया करते थे लेकिन आज लोगों के सोने व उठने का समय बिलकुल बिगड़ चुका है l लोग आज रात को देर से सोते है इसीलिए सुबह जल्दी उनकी नींद नहीं खुलती और सारा दिन उनको आलस आता रहता है।

इसीलिए अगर आपको अपने समय को और बेहतर तरीके से इस्तेमाल करना है तो आपको भी सुबह जल्दी उठने की आदत डालनी पड़ेगी l सुबह जल्दी उठने से आपको शुद्ध हवा व ताज़ी ऑक्सीजन मिल जाती है जिससे आपका आपका शरीर पूरा दिन तरोताजा महसूस करता है l और सुबह उठने से आपको बाकि लोगों की तुलना में 4-5 घंटे ज्यादा मिल जाते है जिनका इस्तेमाल आप व्यायाम करने व अपने कुछ महत्वपूर्ण काम को करने के लिए कर सकते है।

बाइसवां सिद्धांत : व्यायाम जरूर करें
आजकल लोग पढ़ाई और काम में इतना व्यस्त रहते है कि उनको अपने शरीर का ही ध्यान नहीं रहता है l आपको भी पता है कि शरीर जब तक स्वस्थ है तब तक ही आप अपने काम को कर सकते है l इसीलिए आपको भी अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रोज समय निकालकर व्यायाम करना चाहिए l सुबह व्यायाम करने से आपके फेफड़ों और दिमाग में ताजी ऑक्सीजन जाती है जिससे आपका दिमाग व शरीर सारा दिन तरोताजा महसूस करता है।

तेइसवां सिद्धांत : टीवी देखने से बचे
टीवी जानकारी व एंटरटेनमेंट का बहुत बड़ा साधन है और आज लगभग हर घर में टीवी है इसी कारण बच्चो से लेकर बूढों तक सबको टीवी देखने की लत लग चुकी है l अगर आप टीवी पर कुछ ऐसा देखते है जिससे आपके बुद्धि का विकास होता और वह आपको अपने लक्ष्य तक पहुचने का रास्ता बताता है लेकिन यदि आप टीवी पर केवल चटपटी खबरे, सास-बहु के सीरियल व फ़िल्में देखकर अपना समय बर्बाद करते है तो आपको इस आदत को छोड़ने की तैयारी आज से ही शुरू कर देनी चाहिए।

अगर आप टीवी देखने के शौक़ीन है तो आप पाएंगे कि आप प्रतिदिन कई घंटे टीवी पर फालतू चीजे देखने में बर्बाद कर रहे है l अगर आप टीवी देखने की इस लत को छोड़ पाते है तो आप प्रतिदिन अपने कई घंटों को बचा पाएंगे और उस समय को अपने किसी महत्वपूर्ण काम में लगा सकते है।

चौबीसवाँ सिद्धांत : मोबाइल का न्यूनतम इस्तेमाल करें
मोबाइल एक बहुत ही महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है लेकिन केवल तब तक, जब तक आप इसका इस्तेमाल अपने महत्वपूर्ण कामों के लिए करते है l ज्यादातर लोग मोबाइल का इस्तेमाल फालतू कॉमेडी वीडियो देखने में, ऑनलाइन चैट करने में व दूसरों लोगों से घंटो फ़ोन पर बात करने के लिए करते है।

टीवी में हमारा समय केवल तक तक बर्बाद होता है जब तक हम टीवी के सामने होते है लेकिन मोबाइल को आप हर जगह ले जा सकते है इसीलिए मोबाइल हमारा समय सबसे ज्यादा बर्बाद करता है l जब भी किसी का कॉल आ गया तो उससे घंटों फर्जी बातें करते है l YouTube, व Instagram Reels पर videos देखने लगे तो घंटों उसी में लगे रहते है।

यही सारी हरकतें आपके दिन को बर्बाद करती है l मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन भी काफी खतरनाक होती है जो आपकी आँखों तथा शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है।

मोबाइल का इस्तेमाल केवल ऐसी चीजों को सीखने में करे जो आपकी बुद्धि को बढ़ाये व आपको कुछ ऐसा सिखाये जिससे आप अपने जीवन में कुछ हासिल कर पायें।

पच्चीसवाँ सिद्धांत : इन्टरनेट का सही इस्तेमाल करें
इन्टरनेट ने पूरी दुनिया को जोड़ने का काम किया है l भारत में बैठा व्यक्ति अमेरिका के लोगों से ऑनलाइन बातें कर सकता है l आप अपने घर पर बैठकर पूरी दुनिया के बारे में जानकारी ले सकते है, दुनिया के बड़े बड़े टीचर्स से पढ़ाई कर सकते है तथा अगर आपका काम ऑनलाइन तरीके से होता है तो आप घर बैठे अपना काम भी कर सकते है।

लेकिन ज्यादातर इन्टरनेट का इस्तेमाल अपने मज़े के लिए करते है l लोग जब खाली होते है तो अपना फ़ोन निकालते है और उस पर फेसबुक, instagram, YouTube आदि चलाने लगते है l लोगों को नहीं पता होता है कि उन्होंने आखिर फोन निकाला क्यों है इसीलिए वो इन्टरनेट पर हर वो चीज देखते है जिससे उनको मजा मिल रहा होता है l ये मजा लोगों के कई घंटों को हर दिन बर्बाद करता है।

जैसे बन्दूक का इस्तेमाल कुछ लोग आत्मरक्षा के लिए करते है और कुछ लोग इसका इस्तेमाल लोगों को हानि पहुँचाने के लिए करते है l इसी तरह इन्टरनेट के इस्तेमाल अच्छे व बुरे दोनों कामों के लिए किया जा सकता है l अब ये आपको तय करना है कि आप इसका कैसे इस्तेमाल करते है।

छब्बीसवाँ सिद्धांत : आलस से बचे
ज्यादा खाना खाने से शरीर में आलस के गुण आ जाते है l ज्यादा खाना, टला भुना खाना, बार-बार खाना ये सभी आलस उत्पन्न करने के कारण है l इसीलिए आपको भी अगर आलस से बचना है तो खाने को निशित समय अन्तराल पर करने की आदत डालें और केवल उतना ही खाए जितना आपको लगे की मेरे शरीर में काम करने की ऊर्जा आ गई है।

सत्ताईसवाँ सिद्धांत : टालमटोल न करें
टालमटोल करना एक बुरी आदत है l हम ज्यादातर कामों को अगले दिन में करने के लिए टाल देते है जिससे उस दिन के साथ साथ हमारा अगला दिन भी ख़राब हो जाता है।

लोग टालमटोल तभी करते है जब या तो काम मुश्किल हो या फिर बोरिंग हो l मेरा मानना यह है कि यदि काम आपको ही करना है तो इसमें टालमटोल करने का क्या मतलब है l कोई भी काम मुश्किल नहीं होता अगर आप उसके सही ढंग से करेंगे तो आप जरूर ही उस काम को कर लेंगे।

इसीलिए अपने आप को मेहनती बनाइये क्योंकि टालमटोल करने की आदत आपको कभी भी आगे नहीं बढ़ने देगी।

अट्ठाईसवाँ सिद्धांत : अगले दिन की योजना बनाकर काम करे
अगर हो सके तो आप रात को सोने से पहले अपने अगले दिन किये जाने वाले काम की सूचि बना ले ताकि अगले दिन आपको यह पता हो कि आपको क्या-क्या करना है l रात को अगले दिन की योजना बनाने से आपका अवचेतन मन जाग जाता है और सूचि के अनुसार अपनी योजना तैयार करने लगता है।

यह सिद्धांत आपके समय को बचाने में काफी ज्यादा मदद करेगा इसीलिए इस आदत को अपने जीवन का एक हिस्सा बनाइये।

उन्तीसवाँ सिद्धांत : बुरी लतों से बचे
भारत में अधिकतर लोग बीड़ी, सिगरेट, पान-मसाला और शराब आदि का काफी सेवन करते है l हांलाकि उनको पता है कि सभी शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है फिर भी लोग इनका इस्तेमाल प्रतिदिन करते है l ये लत आपका काफी समय जाया कर सकती है l अगर आप इस लत के शिकार नहीं है तो बहुत ही अच्छा है लेकिन अगर आप इस लत के शिकार है तो आपके लिए यह खतरे की घंटी है।

गलत संगत और गलत आदतें भी आपको समय रहते त्याग देनी है l बुरी लतें आपके समय के साथ आपके शरीर को भी काफी हानि पहुंचाती है इसीलिए आपको इस बात का काफी ज्यादा ध्यान रखना होगा।

तीसवाँ सिद्धांत : सापेक्षता के नियम का इस्तेमाल करें
सापेक्षता के नियम के अनुसार “समय वही रहता है बस हमारे देखने का नजरिया बदल जाता है l”
अगर हम 1 घंटे टीवी देखे या खेले तो हमें उस समय का बिलकुल भी पता नहीं लगता लेकिन यदि हम 1 घंटे पढने के लिए बैठे तो हमें ये 1 घंटे 1 दिन के बराबर लगने लगते है।

इसका मतलब जिस काम में हम लोगों की रुचि होती है या मज़ा आता है उस काम को करने में समय का बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं रहता है।

इसीलिए अपने काम को मज़े से करने के तरीके ढूंढे या फिर वो काम चुने जिसमे आपको पहले से मज़ा आता हो।

टाइम मैनेजमेंट किताब की विशेषता

सुधीर दीक्षित ने इस किताब को बहुत ही सरल भाषा में लिखा है जो सबके लिए समझना काफी आसान है l इस आर्टिकल में इस किताब को बहुत ही संक्षेप में लिखा गया है l हांलाकि इस आर्टिकल में आपको ठीक-ठाक ज्ञान मिल जाता है लेकिन किताब में आपको और भी काफी सारी प्रमुख जानकारी देखने को मिलती है जो आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेंगी

निष्कर्ष

समय बहुत अमूल्य है और आपको अपने समय का अच्छे तरीके से इस्तेमाल करना है l जैसे-जैसे आप टाइम मैनेजमेंट के गुण के सीखते जायेंगे वैसे-वैसे ही आप अपने काम में और भी सफल होते जायेंगे l


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Disclaimer: इस आर्टिकल को कुछ अनुमानों और जानकारी के आधार पर बनाया है हम फाइनेंसियल एडवाइजर नही है आप इस आर्टिकल को पढ़कर शेयर बाज़ार (Stock Market), म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश करते है तो आपके प्रॉफिट (Profit) और लोस (Loss) के हम जिम्मेदार नही है इसलिए अपनी समझ से निवेश करे और निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरुर ले

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